पांचवीं कक्षा की छात्रा के साथ अभद्र व्यवहार पर मानव अधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
होमवर्क न करने पर छात्रा से कक्षा में पोछा लगवाने का मामला
हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने गोहाना के एक निजी स्कूल में पांचवीं कक्षा की छात्रा के साथ हुए अनुचित व्यवहार के मामले में अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। मामला तब प्रकाश में आया जब छात्रा के होमवर्क न करने के कारण स्कूल प्राचार्य ने उसे कक्षा में पोछा लगाने के लिए मजबूर किया और बच्चों के सामने ‘शेम-शेम’ कहकर अपमानित किया।
शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि उसकी बेटी 29 अगस्त को बुखार के कारण होमवर्क नहीं कर पाई थी, लेकिन स्कूल आने पर प्राचार्य ने इस कारण उसे सजा दी। इससे बच्ची डर गई और उसका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होने लगा। चिकित्सक ने बच्ची को सदमे में बताया और स्कूल बदलवाने की सलाह दी।
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा, सदस्य कुलदीप जैन और सदस्य दीप भाटिया ने इस घटना को गंभीर बताया। आयोग ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है। इस प्रकार का व्यवहार शिक्षा के उद्देश्य के विपरीत और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
आयोग ने पुलिस आयुक्त और जिला शिक्षा अधिकारी को 28 अक्टूबर तक इस मामले में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। जांच में शिकायतकर्ता, स्कूल प्राचार्य, शिक्षकों, गवाहों और बच्ची के इलाज में लगे मनोवैज्ञानिक के बयान लिए जाएंगे। इसके साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी से आरटीई अधिनियम के अनुपालन, स्कूल की अनुशासन नीति, शिकायत के बाद उठाए गए कदम, जेजे अधिनियम के तहत पंजीकरण, और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए उपायों की जानकारी मांगी गई है।
पुलिस आयुक्त से एफआईआर की स्थिति, जांच की प्रगति, स्कूल प्रबंधन की भूमिका और जेजे अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी गई है। यह मामला बच्चों के अधिकारों और उनके सम्मान की रक्षा की आवश्यकता को पुनः रेखांकित करता है।