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मानवाधिकार आयोग ने करंट से दिव्यांग की मौत मामले को माना गंभीर चूक

राज्य सरकार को अंतरिम मुआवजा देने के निर्देश
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सोनीपत, 21 मई (हप्र)

जीटी रोड किनारे गांव नाथूपुर में खुले में रखे बिजली ट्रांसफार्मर से करंट लगने से झुलसे एक दिव्यांग की मौत के मामले में हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने इसे विभाग की गंभीर चूक माना है। 11 जनवरी की इस घटना पर आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने बिजली निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही बिजली निगम को निर्देश दिए कि सभी ट्रांसफार्मरों के चारों ओर फेंसिंग या बेरिकेडिंग की जाए। खतरनाक क्षेत्र के चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं और अन्य सभी सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाए। ऐसी घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा गया है।

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शिकायतकर्ता रणबीर ने बताया कि 11 जनवरी को 81 फीसदी दिव्यांग रजनीश जीटी रोड किनारे नाथूपुर मोड़ पर खुले में रखे ट्रांसफार्मर का करंट लगने से गंभीर रूप से झुलस गया था। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बिजली निगम पर आरोप लगाए कि ट्रांसफार्मर के चारों ओर न तो फेंसिंग थी, न बेरिकेडिंग और न ही कोई चेतावनी संकेत लगाए गए थे। जस्टिस ललित बत्रा ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार को तात्कालिक अंतरिम मुआवजा प्रदान करे। बिजली विभाग स्वतंत्र व समयबद्ध जांच कर चूक की पहचान करें और दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक या कानूनी कार्रवाई हो। साथ ही जिलेवार सभी ट्रांसफार्मरों का ऑडिट हो, जिसमें फेंसिंग, चेतावनी बोर्ड, ओवरहेड क्लीयरेंस, निरीक्षण रिकॉर्ड और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली शामिल हो।

जिलेभर में लगे सभी ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा की जांच कर जरूरी सुधार किए जाएंगे। कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर सर्वे किया जाएगा। इसके बाद काम को तेजी से अंजाम दिया जाएगा। आयोग के निर्देशों के अनुसार मामले की जांच की जाएगी। 

- जीआर तंवर, एसई, बिजली निगम।

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