सीआरएसयू में पीएचडी में दाखिलों की जांच पर पर जांच कमेटी की कुंडली
जींद की चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के प्रबंधन विभाग में पीएचडी में दाखिलों में हुए घोटाले की जांच है कि पूरा होने का नाम नहीं ले रही। जांच कमेटी एक तरह से जांच रिपोर्ट पर कुंडली मारकर बैठ गई है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जांच रिपोर्ट में देरी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इससे लगता है कि पीएचडी में दाखिलों में गड़बड़ी करने वाले लोगों को बचाने का प्रयास हो रहा है।
चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में पिछले साल प्रबंधन विभाग में पीएचडी में दाखिले हुए थे। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर पीएचडी में एडमिशन के लिए जो विज्ञापन जारी किया गया था, उसमें केवल 4 सीटों पर दाखिलों की बात सार्वजनिक की गई थी। जब हकीकत में प्रबंधन विभाग में पीएचडी में दाखिले किए गए तो 4 की जगह पहले 11 और फिर एक और दाखिला करते हुए कुल 12 दाखिले कर दिए गए।
प्रबंधन विभाग में दो ही रेगुलर एसोसिएट प्रोफेसर हैं, जिनके अंतर्गत 6-6 शोधार्थी ही रजिस्टर्ड हो सकते हैं, और उनकी सीट पहले ही भरी हुई थी। इसके बावजूद 12 और दाखिले कर दिए गए। यूनिवर्सिटी के प्रबंधन विभाग में पीएचडी के कुल 34 शोधार्थी हो गए।
यूनिवर्सिटी की परीक्षा शाखा के सहायक का भी हुआ दाखिला
जींद की चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के प्रबंधन विभाग में पीएचडी में दाखिलों में कितने बड़े स्तर पर घोटाला हुआ, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यूनिवर्सिटी के एक कर्मचारी प्रवीण भाकर, जो सहायक के पद पर यूनिवर्सिटी में नौकरी कर रहे थे, उनका भी पीएचडी में दाखिला कर दिया गया।
तीन सदस्य कमेटी कर रही जांच
सीआरएसयू के प्रबंधन विभाग में इतने बड़े घोटाले की शिकायत सरकार व वीसी के साथ राज्यपाल से की गई थी। जांच के लिए लगभग 4 महीने पहले तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। इस घोटाले का मामला उजागर करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रोहन सैनी ने जांच की धीमी रफ्तार पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी को बचाने का प्रयास हो रहा है, इसीलिए जांच में इतना समय लगाया जा रहा है। अगले महीने जब प्रदेश के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा जींद में जिला परियोजना समिति की बैठक की अध्यक्षता करने आएंगे, तो उनके नोटिस में यह मामला लाया जाएगा और कार्रवाई की मांग की जाएगी।
रजिस्ट्रार ने कहा, यूनिवर्सिटी प्रशासन को जांच रिपोर्ट का इंतजार
यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार प्रो लवलीन मोहन ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन को तीन सदस्यीय जांच कमेटी की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। जांच में समय तो लगता है। एक-एक चीज की जांच करनी पड़ती है। उम्मीद है की जांच कमेटी जल्द अपने रिपोर्ट यूनिवर्सिटी प्रशासन को सौंप देगी।