संपूर्ण व्यक्तित्व विकास भारतीय सशस्त्र बलों में उच्च स्तर पर पहुंचने का सशक्त माध्यम : डॉ. सतीश
वैश्य महाविद्यालय में ‘एसएसबी की परीक्षा : एक उज्जवल भविष्य’ पर जिला स्तरीय विस्तार व्याख्यान
वैश्य महाविद्यालय में ‘एसएसबी की परीक्षा : एक उज्जवल भविष्य’ विषय पर जिला स्तरीय विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डीआरडीओ वैज्ञानिक डॉ. सतीश कुमार रंगा ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों में अधिकारी बनने के लिए संपूर्ण व्यक्तित्व विकास आवश्यक है।
शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक, खेल और अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भागीदारी उम्मीदवार के आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और टीम भावना को मजबूत करती है। उन्होंने कहा कि सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) की परीक्षा केवल अकादमिक योग्यता नहीं बल्कि उम्मीदवार के चरित्र, सोच और निर्णय लेने की क्षमता की भी जांच करती है।
डॉ. रंगा ने 5 दिवसीय चयन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें स्क्रीनिंग टेस्ट, मनोवैज्ञानिक परीक्षण, समूह परीक्षण, व्यक्तिगत साक्षात्कार और सम्मेलन जैसे चरण शामिल होते हैं। इन परीक्षणों में उम्मीदवार के भीतर एक अधिकारी जैसे गुणों नेतृत्व, संप्रेषण कौशल, अनुशासन और टीमवर्क की परख की जाती है।
कार्यक्रम का आयोजन एनसीसी इंचार्ज कैप्टन डॉ. अनिल तंवर द्वारा किया गया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गोयल ने की। व्याख्यान में वैश्य महाविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स के साथ-साथ राजीव गांधी महिला महाविद्यालय, आदर्श महिला महाविद्यालय, टीआईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज और चौ. बंसीलाल पॉलिटेक्निक कॉलेज के लगभग 200 एनसीसी कैडेट्स ने भाग लिया।