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शौर्य पदक से सम्मानित हिसार के नौसेना अफसर का अमेरिका में निधन

1971 के भारत-पाक युद्ध में पनडुब्बी से हमला करके पाकिस्तानी जहाजों को दी थी जल समाधि
भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर भीम सैन उप्पल अपनी पत्नी किरण उप्पल के साथ। -फाइल फोटो
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हिसार के रहने वाले नौसेना मेडल तथा विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर भीम सैन उप्पल (87) का सोमवार को अमेरिका के वर्जिनिया शहर में निधन हो गया।

व्यायाम करते समय गिरने से उनके मस्तिष्क में भीतरी चोट से रक्तस्त्राव (हैमरेज) हो गया था जिसका ऑपरेशन संभव नहीं था। उनके परिवार में उनकी पत्नी किरण उप्पल व बेटे मनु उप्पल व अन्य सदस्य हैं। उनके भाई देवेंद्र उप्पल ने बताया कि पिछले वर्ष उनके द्वारा लिखित पुस्तक ‘ए सेलर बाई प्रोविडेंस’ का विमोचन दिल्ली में नौसेना के अधिकारियों ने किया था। कमांडर उप्पल हरियाणा के प्रथम नौसैनिक अफसर थे जिन्हें 1971 के भारत-पाक समुद्री युद्ध में वीरता के कारण नौसेना शौर्य मेडल से सम्मानित किया गया था। जिस पनडुब्बी का वे नेतृत्व कर रहे थे उसने हमला करके पाकिस्तानी जहाजों को डुबोने का काम किया था और वे सकुशल अपनी टीम सहित लौट आए थे। 3 दिसंबर, 2021 को वे भारत में तब सुर्खियों में आए थे जब 68 वर्ष बाद केवल 28 रुपए की उधार, ब्याज समेत दस हजार रुपए, चुकाने अमेरिका से हिसार के मोती बाजार स्थित एक हलवाई की दुकान पर आए थे।

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जब इस हलवाई ने राशि लेने से मना किया तो कमांडर उप्पल ने कहा कि मैं अमेरिका से इसी काम के लिए भारत आया हूं और आपको यह राशि स्वीकार करनी पड़ेगी। मैं कर्जमुक्त होना चाहता हूं। दरअसल हिसार के हरजी राम हिंदू स्कूल के छात्र के नाते हलवाई ने उनकी दही पेड़े खाने की उधार कर ली थी।

हरियाणा सरकार भी उन्हें नौसेना वीरता पुरस्कार के कारण प्रशस्ति पत्र तथा नकद राशि से सम्मानित कर चुकी है। 50 वर्ष से भी अधिक नौसेना में उल्लेखनीय सेवा देने वाले कमांडर उप्पल इंग्लैंड से भारत के लिए विक्रांत जहाज तथा रूस से भारत के लिए पनडूबियां लाने वाली टीम में शामिल थे। वे भारतीय पनडुबी सेवा के निदेशक के पद पर भी रहे हैं।

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