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एआई और अंग्रेजी में एक्सपर्ट हो रही हिसार पुलिस

जिला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में 2922 ने लिया प्रशिक्षण

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फाइल फोटो
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सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के कोर्सों की भरमार है और लगभग हर क्षेत्र के लोग इस तरह के कोर्स कर रहे हैं लेकिन हिसार पुलिस भी इस मामले में पीछे नहीं है। हिसार पुलिस द्वारा बनाए गए जिला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में पुलिस कर्मचारियों को न सिर्फ एआई के चैट जीपीटी का प्रयोग करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है बल्कि अंग्रेजी ग्रामर, टाइपिंग और कंप्यूटर संबंधित अन्य प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं।

हिसार पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने बताया कि जिला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में पुलिस कर्मचारियों के लिए विभिन्न दक्षता के लिए कुल 18 कोर्स बनाए गए हैं जिनमें अब तक 2922 पुलिस कर्मचारी विभिन्न कोर्स कर चुके हैं। हालांकि एक पुलिस कर्मचारी एक से ज्यादा कोर्स भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिला पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर पुलिस कर्मी चाहे उसकी शैक्षणिक योग्यता कुछ भी हो, वह प्रशिक्षण को आसानी से समझ सके और उसे अपने दैनिक कार्य में प्रभावी रूप से लागू कर सकें। इसी सोच के साथ प्रशिक्षण सामग्री को सरल भाषा में तैयार कर प्रशिक्षण की हर इकाई को चरणबद्ध तरीके से बनाया गया है ताकि सभी पुलिसकर्मी आत्मविश्वास से सीखे, समझें और अपनी पेशेवर क्षमता को और अधिक मजबूत करें।

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यह हैं प्रमुख कोर्स

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हिसार पुलिस के कर्मचारियों को जो कोर्स करवाए जा रहे हैं, उनमें चैट जीपीटी, ग्रामरली, एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल आई-आरएडी (इंटिग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस), ई-साक्ष्य, कंप्यूटर नॉलेज टेस्ट, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस क्लास, सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) और आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड) का विश्लेषण करना, कंप्यूटर की जानकारी और टाइपिंग भी शामिल हैं। इनके अलावा एफआईआर एप्लीकेशन फार्म, गिरफ्तारी फार्म, सीजर मीमो, गवाहों की सूची, चालान तैयार करना, बीएनएसएस की धारा 35 और 35 (3) के नोटिस तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसी प्रकार ई-साक्ष्य, केस डायरी, रूक्का, एमएलसी और अन्य पुलिस आवेदनों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसी प्रकार एससी एंड एसटी एक्ट और नियम, जेजे एक्ट एवं जेजे मोड्यूल नियम, पोक्सो एक्ट, एनडीपीएस एक्ट, फिंगर प्रिंट ट्रेनिंग कोर्स, वाहनों की मरम्मत, तकनीकी प्रशिक्षण का भी कोर्स करवाया जा रहा है। दुर्घटना के मामले में ईआरवी स्टाफ को प्राथमिक चिकित्सा, दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने की प्रक्रिया, कैमरा, निर्दिष्ट क्षेत्र में गश्त आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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