हिसार पुलिस और विधायक गौतम खापों के निशाने पर, बोलीं-जातीय जहर फैलाया, सिहाग के साथ की ज्यादती
माजरा-कंडेला खाप ने संयुक्त बयान जारी कर की सरकार की आलोचना
हिसार पुलिस द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता दलजीत सिहाग को गैंगस्टर बताकर बाजार में घुमाए जाने और सफीदों के भाजपा विधायक रामकुमार गौतम के मंच से दिए गए जातीय बयान से जींद की खाप पंचायतों में रोष है। माजरा और कंडेला खाप पंचायत ने इसे पुलिस की मनमानी और विधायक द्वारा सामाजिक सौहार्द को चोट पहुंचाने वाला कृत्य करार दिया है।
कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला व माजरा खाप के प्रधान गुरविंदर सिंह संधू ने संयुक्त बयान में कहा कि दलजीत सिहाग एक सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता हैं और उनकी संस्था समय-समय पर रक्तदान शिविर, पौधारोपण अभियान व आर्थिक रूप से कमजोर बेटियों की शिक्षा में सहायता करती है। उन्होंने कहा कि हिसार में शायद ही कोई व्यक्ति हो जो सिहाग को गलत कह सके।
जाट आरक्षण आंदोलन में भी दलजीत सिहाग का बड़ा योगदान रहा है। उन पर कई मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें से अधिकांश खारिज हो चुके हैं। ऐसे व्यक्ति को गैंगस्टर घोषित करना और सार्वजनिक रूप से बाजारों में घुमाकर अपमानित करना पुलिस की बड़ी ज्यादती है।
रामकुमार गौतम भड़का रहे जातीय भावनाएं
माजरा खाप के प्रेस प्रवक्ता समुद्र सिंह फोर और कंडेला खाप के महासचिव राजसिंह रेढू ने भाजपा विधायक रामकुमार गौतम पर आरोप लगाया कि उन्होंने खुले मंच से जाति विशेष के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। खाप प्रतिनिधियों ने सवाल उठाया कि आखिर किस जाति ने कभी सैनी को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की है?
किसी राजनीतिक टिप्पणी को जाति से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि गौतम पहले भी कई बार जातीय टिप्पणियां कर चुके हैं और बाद में माफी मांगने की प्रवृत्ति उनकी आदत बन चुकी है। खाप पंचायतों ने चेतावनी दी कि जातीय जहर फैलाने वाली भाषा को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार की सोची-समझी साजिश
दोनों खापों ने आरोप लगाया कि सिहाग को बाजार में घुमाना सरकार की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हत्या, बलात्कार जैसे मामलों में आरोपी बार-बार पैरोल पर बाहर आते हैं, लेकिन उन्हें कभी इस तरह सार्वजनिक अपमान का सामना नहीं करना पड़ता, जबकि सिहाग के साथ ऐसा कर सरकार ने जानबूझकर समुदाय को निशाना बनाया है।
डीजीपी की तारीफ, पर जांच की मांग
खाप पंचायतों ने अपराधियों पर कार्रवाई के लिए डीजीपी ओपी सिंह की सराहना की। साथ ही मांग उठाई कि दलजीत सिहाग को बाजार में घुमाए जाने की स्वतंत्र जांच हो और इसमें दोषी पाए जाने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
