हिसार में अक्तूबर माह की सर्वाधिक 24 घंटे की बारिश का नौ साल पुराना रिकॉर्ड टूटा
बारिश से धान की फसल बिछी, नुकसान की संभावना बढ़ी
हिसार, सिरसा और फतेहाबाद में रविवार रात और सोमवार सुबह तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बारिश और तेज हवाओं के कारण खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर बिछ गई, जबकि कटाई के लिए तैयार फसल भीग गई। मानसून के दौरान बनी जलभराव की स्थिति अभी तक संभली नहीं थी, वहीं अक्तूबर की यह बारिश किसानों के लिए नया संकट बन गई है।
हिसार में सोमवार को 43 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जिससे अक्तूबर माह में नौ साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इससे पहले 4 अक्तूबर, 2016 को 24 घंटे में 15.6 मिलीमीटर बारिश हुई थी। सोमवार को हिसार में अधिकतम 23.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
किसान अमित, संदीप और नवीन ने बताया कि अगस्त में हुई भारी बारिश से पहले ही उनकी फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। अब जो फसल कटाई के लिए तैयार थी, वह भी बर्बाद होने की कगार पर है। धान की बालियां जमीन से सट गई हैं, जिससे दाने सड़ने और खराब होने की संभावना बढ़ गई है। खेतों में पानी भर जाने से कटाई करना भी मुश्किल हो गया है।
मशीनों द्वारा हार्वेस्टिंग करना असंभव हो जाएगा और मजदूरों से कटाई कराने पर खर्च कई गुना बढ़ जाएगा। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र और राजस्थान के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण नमी वाली हवाएं उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों की ओर आ रही हैं। इन मौसमी सिस्टमों के प्रभाव से राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में 7 अक्तूबर तक हवाओं और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।