स्वस्थ और खुशहाल परिवार; पुरुषों की सक्रिय भागीदारी से होगा सपना साकार : डॉ. शांडिल्य
सीएमओ डॉ. रघुवीर शांडिल्य ने कहा है कि स्वस्थ और खुशहाल परिवार बनाने में पुरुषों की भूमिका अहम होती है। इसके लिए पुरुष नसबंदी एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी विकल्प है। इसे अपनाकर पुरुष परिवार नियोजन में महिलाओं के साथ बराबर की जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने पुरुषों को नसबंदी के प्रति जागरूक करने के लिए चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल से रैली का आयोजन किया। परिवार नियोजन उप-सिविल सर्जन डॉ. दिव्य कीर्ति ने बताया कि समाज में पुरुष नसबंदी को लेकर कई गलत धारणाएं मौजूद हैं। इनमें सबसे आम मिथक है कि इससे शारीरिक शक्ति या पुरुषत्व प्रभावित होता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि एनएसवी विधि में न तो कोई चीरा लगाया जाता है और न ही टांका। यह केवल दस मिनट की सरल प्रक्रिया है, जिसे अनुभवी चिकित्सक करते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पुरुषों को प्रोत्साहित करने के लिए महिला नसबंदी की तुलना में अधिक प्रोत्साहन राशि भी तय की है। पुरुष नसबंदी कराने पर 2000 रुपये, जबकि महिला नसबंदी पर 1400 रुपये मिलते हैं।
जिले में 21 नवंबर से 4 दिसंबर तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य परिवार नियोजन के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना और लक्षित दंपतियों को नि:शुल्क अस्थायी व स्थायी गर्भ निरोधक साधन उपलब्ध कराना है। पखवाड़ा दो चरणों में आयोजित किया गया है।
पहला चरण 21 से 27 नवंबर तक जागरूकता फैलाने पर केंद्रित है, जबकि दूसरा चरण 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक साधनों का वितरण करेगा। स्वास्थ्य विभाग का संदेश है कि परिवार नियोजन केवल महिलाओं की जिम्मेदारी नहीं है। पुरुष भी अस्थायी साधनों का उपयोग कर और स्थायी नसबंदी अपनाकर अपने परिवार की भलाई और समाज में छोटे परिवार के महत्व को सुनिश्चित कर सकते हैं।
