समाधान शिविरों में विभागाध्यक्ष स्वयं रहे उपस्थित, लापरवाही पर होगी कार्रवाई : डीसी
उपायुक्त साहिल गुप्ता ने जिले के सभी विभागाध्यक्षों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे जिला मुख्यालय पर होने वाले समाधान शिविरों और उनकी समीक्षा बैठकों में स्वयं मौजूद रहें। यदि कोई अधिकारी अनुपस्थित पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय को लिखा जाएगा। डीसी गुप्ता शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में समाधान शिविरों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि समाधान शिविर और सीएम विंडो सरकार की प्राथमिक में शामिल हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी स्वयं इनकी समीक्षा करते हैं। सरकार का उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं को जानकर उनका जल्द और सही समाधान करना है। इसलिए अधिकारी इस प्रक्रिया को किसी भी हालत में हल्के में न लें।
उन्होंने कहा कि समाधान शिविर में आने वाली शिकायतों का गंभीरता से निपटारा कर उसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) समय पर पोर्टल पर अपलोड की जाए। समस्याओं को हल करने के बाद वे दोबारा रीओपन नहीं होनी चाहिएं। यदि ऐसा होता है तो इसका अर्थ है कि समाधान ठीक से नहीं हुआ।
अस्पष्ट एटीआर भरने से शिकायतें लंबित रह जाती हैं, जिससे नागरिकों को असुविधा होती है। डीसी ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि सीएम विंडो और समाधान शिविरों से संबंधित लंबित शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करें। वहीं चंडीगढ़ मुख्यालय से सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल ने भी सभी जिलाधिकारियों को वीसी के माध्यम से निर्देश दिए कि सीएम विंडो और समाधान शिविर सरकार की महत्वाकांक्षी व्यवस्था है, जिससे अधिकारियों की जवाबदेही आमजन के प्रति और बढ़ी है।