हरियाणवी लोकगीत जगाते हैं देशभक्ति का जज्बा : डॉ. वंदना पूनिया
भिवानी, 14 मई (हप्र)
नटराज कला मंच एवं श्रेष्ठ कवि श्रेष्ठ कविता के संयुक्त तत्वाधान में हरियाणवीं लोकगीत संध्या का आयोजन स्थानीय वंदना अस्पताल परिसर में किया गया। हरियाणवीं- आगाज नामक इस रंगारंग कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि डॉ. वंदना पूनिया एवं श्रेष्ठ कवि श्रेष्ठ कविता मंच के संचालक रमन शांडिल्य द्वारा ज्ञान दायिनी मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। इस दौरान डॉ. वंदना पूनिया ने कहा कि हरियाणवीं लोक और फोक गायन जनमानस के मनोरंजन के साथ साथ देश पर अपना सर्वस्व कुर्बान करने का जज्बा जगाता है। जहां फौजियों की चिठ्ठी पर आधारित रागनियां देश पर जान झोंकने के संदेश देती हैं। वहीं पिया मिलन की आस पर आधारित रागनियां श्रृंगार रस और विरह रस से भरपूर हैं। कार्यक्रम का आगाज करते हुए रमन शांडिल्य ने कहा कि हरियाणवीं लोक कलाओं का समृद्ध इतिहास रहा है और हरियाणवीं रागनियां संस्कार वाहिनी रही हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणवीं वाद्ययंत्रों में अद्भुत मिठास है, जिसके कारण नई पीढ़ी भी हरियाणवीं वाद्य यंत्रों को बजाने और सुनने में विशेष रुचि दिखा रही है। कार्यक्रम में हरियाणवीं लोक गायक अनिल तंवर पालवासिया तथा अन्य गायकों द्वारा रागनियों की बेहतरीन प्रस्तुति दी गई। मुकेश खरकिया मटका (घड़वा), भीम कलिंगा मटका घड़वा, प्रवीण सैय रिवाडी कान्कर, ओमप्रकाश ने हार्मोनियम (पेटी) बजा कर अपनी कला का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम के समापन पर अध्यक्षीय भाषण में डॉ. करण पूनिया ने कहा कि हरियाणवीं लोक कला और कलाकारों को सानिध्य और स्नेह की आवश्यकता है तथा पंजाबी गीतों की तरह ही हरियाणवीं गीत संगीत को बॉलीवुड में फिल्मों के माध्यम से अच्छी-खासी लोकप्रियता मिल रही है। कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई रागनियों ने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर प्रवीण कुमार शर्मा, मनोज कुमार शर्मा, विजय कुमार शर्मा, मेघा, लक्ष्मी, पिंकी, गीता, रेखा, शकुन्तला, अजीत, राज सिंह एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।