हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने टीईटी अनिवार्यता खत्म करने की उठाई मांग, सौंपा ज्ञापन
उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के एक सितंबर 2025 के निर्णय (सिविल अपील संख्या 1385/2025) के बाद टीईटी अब उन शिक्षकों पर भी लागू हो गया है जिन्हें पहले एनसीटीई ने छूट प्रदान की थी। इससे हरियाणा के हजारों वरिष्ठ शिक्षक, जो 15 से 30 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं, नौकरी समाप्ति और पदोन्नति रुकने के गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इस नियम के पूर्व प्रभाव से लागू होने से शिक्षकों में भय और असुरक्षा बढ़ रही है, जिससे स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी का संकट पैदा होने की आशंका है। उन्होंने सांसद से आग्रह किया कि आगामी शीतकालीन सत्र में यह मुद्दा मजबूती से उठाया जाए और आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 23 में संशोधन कर पुराने शिक्षकों को स्थायी छूट प्रदान की जाए।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आवश्यकता पड़ने पर केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करे, ताकि वरिष्ठ शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रह सके। अजीत राठी व सुमेर आर्य ने कहा कि समय रहते यह कदम उठाए जाने से हरियाणा सहित पूरे देश के हजारों शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित होगा और स्कूल शिक्षा व्यवस्था में स्थिरता बनी रहेगी।
