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Haryana News : सीनियर सिटीजन के लिए 3 करोड़ से बने डे-केयर सेंटर के भवन की हालत खस्ता

दिनभर में मुश्किल से आते हैं 10 सीनियर सिटीजन, सुविधाओं का टोटा

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जींद में हुडा सेक्टर 7 में बना खस्ताहाल डे केयर सेंटर। -हप्र
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जींद, 20 अप्रैल (हप्र)

हुड्डा सेक्टर-7 में सीनियर सिटीजन के लिए 3 करोड़ से ज्यादा की लागत से बना डे केयर सेंटर का भवन समाज कल्याण विभाग को हैंडओवर होने के महज दो साल और सीनियर सिटीजन के लिए खोले जाने के एक साल में ही जर्जर हो चला है। इस डे केयर सेंटर में मुश्किल से 10 सीनियर सिटीजन भी नहीं आ रहे। डे केयर सेंटर के हॉल आदि पर ताला लटका रहता है, तो दूसरी सुविधाएं भी नहीं है।

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हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने डे केयर सेंटर का निर्माण करवाया था। शुरू में इसे जींद का वृद्धाश्रम कहा गया लेकिन बाद में यह सीनियर सिटीजन के लिए डे केयर सेंटर बना दिया गया। इसके भवन निर्माण पर 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च होने के बावजूद इसकी निर्माण क्वालिटी बेहद खराब रही। डे केयर सेंटर के खिड़की और दरवाजे अब टूटने के कगार पर हैं।

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अपने स्तर पर करवाई कई व्यवस्थाएं

जींद में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने सीनियर सिटीजन के लिए बने इस डे केयर सेंटर के संचालन के लिए एक समिति बनाई है। इस समिति के अध्यक्ष रामफल खर्ब कहते हैं कि डे केयर सेंटर की छत पर पीने के पानी की टंकी भी नहीं थी। खिड़कियों में ग्रिल नहीं थी। कुछ शीशे आदि भी टूटे हुए थे। अपनी तरफ से उन्होंने डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा की राशि खर्च कर छत पर पीने के पानी की टंकी रखवाई और खिड़कियों में ग्रिल लगवाई। दूसरे कुछ और काम भी उन्होंने अपने स्तर पर ही करवाए हैं। कमेटी से जो बन पा रहा है, सीनियर सिटीजन की सुविधा के लिए वह कर रही है।

पानी की टंकी तक की नहीं थी व्यवस्था

जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय ने जब सेक्टर 7 में बने डे केयर सेंटर को लगभग 1 साल पहले सीनियर सिटीजन के लिए खोला था, तब इसकी छत पर पीने के पानी की टंकी भी नहीं थी। इस कारण डे केयर सेंटर के बाथरूम और टॉयलेट में पानी नहीं रहता था, जिससे सीनियर सिटीजन को भारी दिक्कत होती थी। खिड़कियों में ग्रिल भी नहीं लगाई गई थी, जिससे डे केयर सेंटर में आने वाले सीनियर सिटीजन कभी भी बंदरों आदि का निशान बन सकते थे।

सुबह कुछ समय के लिये ही आते हैं बुजुर्ग

डे केयर सेंटर में दिनभर में मुश्किल से 10 सीनियर सिटीजन ही आते हैं। यह भी सुबह कुछ देर के लिए आते हैं, और फिर यहां से चले जाते हैं। कारण यह है कि सीनियर सिटीजन के लिए यहां गर्मी से बचने के लिए न तो ठंडे पानी का वाटर कूलर है और न ही यहां एसी और कूलर आदि लगे हैं। अखबारों के नाम पर यहां केवल एक अखबार आ रहा है। सीनियर सिटीजन के बैठने के कमरे में जो फर्नीचर है, उसकी हालत भी खराब है। हॉल के गेट पर ताला लटका रहता है। डे केयर सेंटर में एक कर्मचारी रखा गया है, जो परिवार समेत यहां रहता है।

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