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Haryana News : किसानों के लिए आसमान से बरसा सोना, शहरों में आफत की बारिश

कई जिलों में जमकर हुई ओलावृष्टि
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भिवानी के गांव किरवाड़ में ओलों से सफेद हुई धरती। -हप्र
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प्रदेश के 11 जिलों में शुक्रवार सुबह से बारिश हो रही है। इनमें जींद, हिसार, भिवानी, रोहतक, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, सिरसा, फतेहाबाद, झज्जर, पानीपत और सोनीपत शामिल हैं। कई जगह बारिश तड़के 3 बजे ही शुरू हो गई थी। बारिश के दौरान हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी और कैथल में जमकर ओले गिरे हैं। फतेहाबाद के मिनी सचिवालय के भीतर भी ओले गिरे। झमाझम बारिश ने एक ओर किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी, वहीं दूसरी ओर शहरी क्षेत्रों में जलभराव, बिजली कटौती और यातायात बाधित होने जैसी समस्याओं ने आम जनता को परेशान कर दिया। फसलों के लिए यह बारिश एक वरदान साबित हुई, लेकिन शहरों में जलभराव और ठंड ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया।

भिवानी, 27 दिसंबर (हप्र)

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बवानीखेड़ा क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में ओलावृष्टि और जिले के अन्य हिस्सों में हुई भारी बारिश ने किसानों को मिश्रित परिणाम दिए हैं। आज सुबह छह बजे से शुरू होकर पूरा दिन हल्की से मूसलधार बारिश हुई, जिससे गेहूं, सरसों, चना, मैथी जैसी फसलों को लाभ हुआ। यह बारिश पिछले कुछ दिनों की हल्की बारिश के बाद फसलों के लिए वरदान साबित हुई।

हालांकि, बवानीखेड़ा क्षेत्र के गांव किरावड़ और जमालपुर में ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ। ग्राम स्वराज किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र तालु ने राज्य सरकार से प्रभावित किसानों के लिए गिरदावरी कर नुकसान की भरपाई की मांग की। उनका कहना है कि ओलावृष्टि से किसानों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, और उन्हें जल्द राहत मिलनी चाहिए।

रेवाड़ी के एक गांव में सरसों की फसल पर बरसात के रूप में बरसता सोना। -हप्र

बच्चों ने कांपते हाथों से दी परीक्षा

रेवाड़ी (हप्र) : दिनभर हुई मूसलधार बरसात ने जहां किसानों के चेहरे खिला दिए, वहीं शहर में जलभराव के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बरसात से तापमान में गिरावट दर्ज की गई, जिससे दिनभर ठिठुरन का दौर रहा। रेवाड़ी का अधिकतम पारा 14.5 डिग्री पर पहुंच गया। बरसात और ठंड के कारण खासकर स्कूली बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई स्कूलों में परीक्षाएं चल रही थीं, लेकिन रात से हो रही बरसात के कारण बच्चों को स्कूल बसों और स्कूलों तक पहुंचने में परेशानी हुई। फिर भीषण सर्दी के कारण बच्चों को कांपते हाथों से परीक्षा देनी पड़ी। बरसात के कारण स्कूलों में प्रार्थना सभा को रद्द कर दिया गया और परीक्षा जल्दी आयोजित कर बच्चों को सुरक्षित घर भेजा गया।

वाहन चालकों को हुई दिक्कत

चरखी दादरी (हप्र) : बारिश के कारण कई स्थानों पर जलभराव हो गया, जिससे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, कृषि विभाग ने इसे रबी फसलों के लिए फायदेमंद बताया है और किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं। दादरी जिले के चरखी दादरी शहर और बाढड़ा कस्बे में बारिश के बाद जलभराव से वाहन चालकों को खासा नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन कृषि विशेषज्ञ डा. चंद्रभान श्योराण का कहना है कि यह बारिश रबी फसलों के लिए लाभकारी है, क्योंकि इससे फसलों को प्राकृतिक सिंचाई मिल गई है। आगामी दो दिनों में फसलों की वृद्धि पर इसका सकारात्मक असर दिखेगा। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश का पूर्वानुमान जारी किया था, और यह बारिश किसानों के लिए राहत का कारण बनी है।

बाजारों में पसरा सन्नाटा

मंडी अटेली (निस): बृहस्पतिवार रात 11 बजे से शुरू हुई बारिश शुक्रवार दिनभर जारी रही, जिससे क्षेत्र में जलभराव हो गया। ठंडी हवाओं के कारण बाजारों में सन्नाटा छा गया, और लोग घरों में ही रहे। किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद रही, क्योंकि रबी की फसलें जैसे गेहूं, सरसों और चना को पर्याप्त पानी मिल गया। किसान जितेंद्र, रामफल और अन्य का कहना है कि यह बारिश उनकी फसलों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी। कृषि अधिकारी डॉ. रजनीश ने भी इसे फसल के लिए सोना बताया। बारिश के कारण अटेली के कई इलाकों में जलभराव हुआ, और गंदे पानी के निकासी नाले की सफाई नहीं होने से घरों और दुकानों में पानी घुस गया।

सोनीपत के कच्चे क्वार्टर बाजार क्षेत्र में पानी से गुजरती कार। -हप्र

इंडस्ट्रियल एरिया में गिरी बिजली

सोनीपत (हप्र) : पश्चिमी विक्षोभ के कारण शुक्रवार को सोनीपत में दिनभर बारिश होती रही। शाम 6 बजे तक औसतन 41.5 एमएम बारिश दर्ज हुई। राई ब्लॉक में सबसे अधिक 51 एमएम बारिश हुई। मौसम विभाग ने शनिवार को भी बारिश की संभावना जताई है। शुक्रवार सुबह सवा 4 बजे शुरू हुई बारिश रात तक रुक-रुककर चलती रही। बारिश के कारण मामा भांजा चौक, रोहतक रोड, बहालगढ़ रोड, और सेक्टर-14 व 15 समेत कई स्थानों पर जलभराव हुआ। इससे वाहन चालकों और यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ी। इस बारिश से रबी की फसलों को फायदा होगा। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 13.9 और न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। दिनभर तेज हवाओं के कारण ठंडक बढ़ गई। बारिश के दौरान बड़ी औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 में प्लॉट नंबर 132 के बाहर बिजली गिर गई। खुले में बिजली गिरने के कारण आस-पास नुकसान नहीं हुआ। केवीके सोनीपत के मौसम विशेषा डॉ. प्रेमदीप ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है। शनिवार को भी बारिश के साथ ओलावृष्टि की आशंका भी है।

कनीना में 42 एमएम बारिश हुई

कनीना (निस): कनीना क्षेत्र में शुक्रवार को 42 एमएम भारी बारिश हुई, जिससे सड़कों पर पानी जमा हो गया और नाले ओवरफ्लो हो गए। इस वजह से वाहन चालकों और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों के लिए यह बारिश राहत का कारण बनी, क्योंकि उन्हें रबी फसलों की सिंचाई से छुटकारा मिला। बारिश से सरसों, गेहूं, मटर और गाजर की फसलों में रौनक आई है।

उचाना क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि

जींद (हप्र) : शुक्रवार को जींद जिले में झमाझम बारिश हुई, जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे। जिले में औसतन 16.8 एमएम बारिश दर्ज की गई, जबकि जुलाना में सबसे ज्यादा 32 एमएम बारिश हुई। जींद ब्लॉक में 17.2, नरवाना में 19, सफीदों में 10, उचाना में 21, पिल्लूखेड़ा में 7, और अलेवा में 10.6 एमएम बारिश हुई। उचाना क्षेत्र के करसिंधु व बड़ौदा में ओलावृष्टि भी हुई। बारिश के कारण बिजली फाल्ट की समस्या भी सामने आई, और बिजली निगम के शिकायत केंद्र पर लगभग 350 शिकायतें दर्ज हुईं। बारिश का दौर सुबह से शुरू हुआ और दिनभर जारी रहा। इस कारण जींद शहर में कई स्थानों पर जलभराव हुआ, जिससे नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सिविल अस्पताल की नई बिल्डिंग में गोहाना रोड पर पानी भर गया, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को दिक्कत हुई। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, यह बारिश रबी फसलों के लिए लाभकारी मानी जा रही है। कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व प्रभारी डॉ. यशपाल मलिक ने इसे किसानों के लिए बड़ी सौगात बताते हुए कहा कि इस बारिश से गेहूं, सरसों और चने की फसलों को खासा फायदा होगा।

सफीदाें मंडी में भीगी धान

सफीदों (निस) : सुबह से हो रही हल्की बारिश के कारण नई अनाज मंडी में पड़ी हजारों क्विंटल धान भीग गई है। शेडों के नीचे रखी धान में नमी बढ़ने से इसके ग्राहक गायब हो गए हैं। धान के भाव में 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है, जिसके कारण जो धान नहीं बिक पाई, वह मंडी में पड़ी है। किसानों का कहना है कि बासमती धान की खरीद में व्यापारियों की मनमानी के चलते हाल ही में धान का भाव गिर गया, जिससे वे उम्मीद लगाए बैठे हैं कि भाव में सुधार होगा। किसानों का आरोप है कि चावल निर्यातकों के स्थानीय एजेंटों द्वारा कई बार भुगतान लटकाया गया, जिसके कारण जोखिम को कवर करने के लिए धान का भाव घटाया गया। हालांकि, व्यापारियों ने किसानों के इस तर्क को गलत बताया।

नारनौल में शुक्रवार को हुई बारिश के बाद गलियों में हुआ जलभराव। -हप्र

नारनौल में जलभराव से कालोनीवासी हुए परेशान

नारनौल (हप्र) : झमाझम बारिश ने जहां किसानों के चेहरों पर खुशी लाकर गेहूं, सरसों और चने की फसलों के लिए लाभकारी साबित हुई, वहीं शहरवासियों के लिए यह आफत बनकर आई। बारिश के कारण जलभराव के कारण शहर के कई मोहल्लों में पानी भर गया, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। शहर में 22 एमएम से अधिक बरसात दर्ज की गई, जिससे रेवाड़ी-दिल्ली मार्ग स्थित गांव नीरपुर के पास पेड़ गिरने से यातायात लगभग आधे घंटे तक बाधित रहा। बारिश का असर सुबह के समय स्कूली बच्चों, कर्मचारियों और अन्य लोगों पर पड़ा, जिन्हें स्कूल और काम पर जाने में दिक्कत हुई। हालांकि, कृषि विभाग के अनुसार यह बारिश रबी फसलों के लिए फायदेमंद मानी जा रही है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इस बारिश से उनकी गेहूं और सरसों की फसलों को विशेष लाभ मिलेगा। महेंद्रगढ़ जिले में जलस्तर कम होने के कारण किसानों को बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है, और इस बारिश ने उनकी फसलों की बढ़त में मदद की है।

तेज हवाओं के चलते बढ़ी ठंड

रोहतक (निस) : जिले में शुक्रवर को अलसुबह शुरू हुई तेज बरसात और हवाओं के कारण ठंड में अचानक वृद्धि हो गई। जहां एक ओर किसानों के चेहरे खिल उठे, वहीं स्कूल जाने वाले बच्चों और ड्यूटी पर जा रहे कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बरसात के चलते शहर में विभिन्न स्थानों पर जलभराव हो गया, जिससे वाहन चालकों को कठिनाई हुई। इसके अलावा, बिजली कटौती से भी लोग परेशान रहे। मौसम विभाग ने आगामी दो से तीन दिन और बारिश की संभावना जताई है। तेज हवाओं के कारण एक पेड़ गिरने से सड़कों पर जाम लग गया, लेकिन बाद में यातायात व्यवस्था बहाल कर दी गई। इस बारिश ने गेहूं और सरसों की फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे थे।

जलभराव ने खोली पोल : नरेश जून

बहादुरगढ़ (निस): वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेश जून ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी और बहादुरगढ़ के स्थानीय भाजपा नेता आए दिन भाजपा सरकार द्वारा किए गए विकास का दावा करते हैं। नरेश जून ने कहा कि भाजपा नेताओं को अब झज्जर रोड की जर्जर हालत पर आकर बहादुरगढ़ की जनता को बताना चाहिए कि क्या यही विकास है। उन्होंने बताया कि कई सालों से झज्जर-बहादुरगढ़ रोड पूरी तरह से टूटा पड़ा है और बरसात में जलभराव से यह पूरी तरह जलमग्न हो जाता है। लोवा खुर्द सड़कों पर भी जलभराव की समस्या रहती है, जिसके कारण स्कूलों में भी पानी भर जाता है। नरेश जून ने कहा कि भाजपा नेता ‘सबका साथ, सबका विकास’ का झूठा नारा बजाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।

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