बिना तैयारियों के थोपी जीएसटी ने लघु उद्योग किए बर्बाद : बुवानीवाला
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस उद्योग सैल के चेयरमैन अशोक बुवानीवाला ने कहा कि 8 वर्ष पहले मोदी सरकार द्वारा बिना तैयारियों के थोपी गई जीएसटी ने देश के सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ता एमएसएमई सेक्टर को कुचलकर रख दिया। मोदी सरकार का जीएसटी कोई टैक्स रिफॉर्म नहीं है, बल्कि यह आर्थिक अन्याय और कॉर्पोरेट भाई-भतीजावाद का क्रूर साधन है।
इसे गरीबों को दंडित करने, एमएसएमई को कुचलने, राज्यों को कमजोर करने और प्रधानमंत्री के कुछ अरबपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया था।
उन्होंने कहा कि आठ साल पहले जीएसटी लागू होने के बाद से 18 लाख से अधिक उद्योग बंद हो गए हैं। लोग अब चाय से लेकर स्वास्थ्य बीमा तक हर चीज पर जीएसटी का भुगतान करते हैं, जबकि कार्पोरेट सालाना 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक कर छूट का आनंद ले रहे हैं।
बुवानीवाला ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को जानबूझकर जीएसटी ढांचे से बाहर रखा गया है, जिससे किसानों, ट्रांसपोर्टरों और आम लोगों को नुकसान हो रहा है। जीएसटी बकाया को गैर-भाजपा शासित राज्यों को दंडित करने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो मोदी सरकार के संघीय-विरोधी एजेंडे का स्पष्ट प्रमाण है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की जनता से ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ का वादा किया गया था, लेकिन इसके उलट मोदी सरकार द्वारा भारत को फाइव स्लैब टैक्स रिजीम की व्यवस्था मिली, जिसमें 900 से अधिक बार संशोधन किया गया है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसे टैक्स सिस्टम का हकदार है जो सभी के लिए काम करे, न कि कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों के लिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जीएसटी रिफार्म के नाम पर मजबूरी में वहीं कदम उठा रही है, जिसे कांग्रेस पहले ही सुझा चुकी है।