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‘गीता के संदेश आज भी मानव जीवन के लिए प्रासंगिक’

गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक कॉलेज में गीता और आयुर्वेद पर विचार-विमर्श के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि जीआईईओ गीता (श्रीमद्भगवद्गीता का वैश्विक प्रेरणा और प्रबोधन संगठन, कुरूक्षेत्र) के संस्थापक महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज रहे। नेत्र...
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गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक कॉलेज में गीता और आयुर्वेद पर विचार-विमर्श के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि जीआईईओ गीता (श्रीमद्भगवद्गीता का वैश्विक प्रेरणा और प्रबोधन संगठन, कुरूक्षेत्र) के संस्थापक महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज रहे। नेत्र चिकित्सक एवं पूर्व कुलपति डॉ मार्कण्डेय आहूजा भी इस अवसर पर मौजूद थे। कार्यक्रम में गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा के प्रशासक एवं एसडीएम रोहतक आशीष वशिष्ठ का योगदान रहा। मुख्यातिथि महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता के अमृत संदेश और आयुर्वेद की वैज्ञानिकता को जोड़ते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा की गहराइयों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि गीता के नैतिक, व्यावहारिक एवं स्वास्थ्य संबंधी संदेश आज भी मानव जीवन के लिए अत्यंत प्रासंगिक हैं। साथ ही, आयुर्वेद को केवल रोगोपचार नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला बताते हुए उसके जीवनोपयोगी सूत्रों पर प्रकाश डाला। गौड़ ब्राह्मण डिग्री कॉलेज प्राचार्य डॉ जयपाल शर्मा ने सभी युवाओं का आह्वान किया कि वे भारतीय संस्कृति, गीता और आयुर्वेद से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को सार्थक बनाएँ। गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक कॉलेज प्राचार्य डॉ वारिज पांडेय के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ। यह आयोजन भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं प्रसार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ, जिसने विद्यार्थियों और समाज को भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व से पुनः अवगत कराया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेदिक कॉलेज से डॉ संजय अत्री, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. महेश, डॉ. पंकज कौशिक, डॉ. सुरेश शर्मा, डॉ. सम्राट आदि मौजूद रहे।

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