गणपति उत्सव का समापन आज, भंडारे के बाद निकलेगी शोभायात्रा
पुरानी अनाज मंडी में श्री सिद्वि विनायक सेवा समिति द्वारा दसवें गणपति उत्सव में श्रीमद्भावत कथा करवाई जा रही। कथा के दौरान वृंदावन से आए कथावाचक छबीलै छैल महाराज ने बुधवार के प्रसंग में बताया कि आत्मा का पति परमात्मा हैं। हमारा लक्ष्य गोविंद की प्राप्ति ही तो है। उन्होंने मथुरा गमन की मार्मिक कथा व गोपी-उद्वव संवाद एवं कृष्ण रूकमणी के विवाह का जिक्र कथा के माध्यम से बताया कि मन का मन से मिलन ही विवाह है, तन से तन का मिलन विवाह नहीं है। कथा के बीच ही कलाकारों द्वारा कृष्ण रूकमणी विवाह की सुंदर झांकी के दर्शन भी करवाए गए। बृहस्पतिवार को दसवें गणपति उत्सव का समापन होगा। समिति के प्रधान कैलाश सिंगला व संयोजक विनोद मंगला ने बताया कि सुबह 2 घंटे कथा चलेगी, उसके बाद हवन और फिर भंडारा लगाया जाएगा। दोपहर बाद एक भव्य शोभयात्रा निकाली जाएगी, जो शहर की मुख्य सडकों व मार्गों से होती हुई कैनाल रोड स्थित जयराम अस्पताल में संपन्न होगी। कथा के मुख्य यजमान के रूप में नविंदू सिंगला, शेरा शर्मा, विक्की व अभी गर्ग ने उपस्थिति दर्ज करवाई। प्रसाद की सेवा सज्जन ठेकेदार, सुरेंद्र मित्तल, सालासर सेवा समिति व सुरेंद्र आर्य ने दी।