जींद आईएमटी के लिए नए सिरे से होगा पंजीकरण, डीसी ने कहा- किसानों की ली जाएगी सहमति, किसानों के साथ करेंगे बैठक
शुक्रवार को हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) अधिकारियों के साथ बैठक में डीसी ने निर्देश दिए कि अब ई-भूमि पोर्टल पर केवल उन्हीं किसानों की जमीन का पंजीकरण होगा जो अपनी स्वेच्छा से आवेदन करेंगे। किसान पोर्टल पर अपनी जमीन की कीमत का ब्योरा भी दर्ज कर सकेंगे।
डीसी ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा इस मामले में भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, जबकि सरकार किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना सहमति किसी भी किसान की जमीन पंजीकृत नहीं की जाएगी। प्रशासन की ओर से किसानों व जमीन मालिकों की शंकाओं को दूर करने के लिए बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके। डीसी ने कहा कि परियोजना को पारदर्शी, न्यायसंगत और किसान हितैषी तरीके से लागू किया जाएगा।
किसानों के विरोध के बीच प्रशासन की पहल
जींद में आईएमटी परियोजना को लेकर पिछले दिनों कई किसान संगठन विरोध जता चुके हैं। किसानों ने डीसी को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था कि उनकी सहमति के बिना जमीन का ई-भूमि पोर्टल पर पंजीकरण किया गया। यहां तक कि एक किसान ने शिकायत की थी कि उसकी दिवंगत मां के नाम पर भी जमीन का पंजीकरण कर दिया गया। इन आरोपों और विरोध के बीच डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने स्वयं आगे आकर पंजीकरण प्रक्रिया को नए सिरे से शुरू करने का फैसला लिया है।