निशुल्क बस पास को नकारा; नहीं दी फ्री बस यात्रा की सुविधा, निजी बस संचालकों के खिलाफ अदालत पहुंची छात्राएं
अदालत ने 3 निजी बस संचालकों व रोडवेज अधिकारियों को नोटिस किया जारी
हरियाणा सरकार द्वारा छात्राओं को स्कूल और कॉलेज जाने के लिए दी जा रही निशुल्क बस पास योजना को निजी बस संचालकों द्वारा नकारे जाने पर 6 छात्राओं ने हिसार की अदालत में याचिका दायर की है। छात्राओं ने आरोप लगाया है कि प्राइवेट बस चालक निशुल्क बस पास के बावजूद उनसे किराया वसूलते हैं।
सिविल जज जूनियर डिविजन सुखवीर कौर की अदालत ने इस मामले में तीन निजी बस संचालकों सहित रोडवेज और परिवहन विभाग के अधिकारियों को 18 सितंबर के लिए नोटिस जारी किया है। याचिका दाखिल करने वाली छात्राओं में सारंगपुर निवासी पूजा बिश्नोई (सीआर लॉ कॉलेज, एलएलबी अंतिम वर्ष), भाना गांव निवासी सपना (राजकीय महाविद्यालय, हिसार), मनीषा (राजकीय महाविद्यालय, हिसार), मोनिका (राजकीय तकनीकी महाविद्यालय), किरण रानी (राजकीय महिला महाविद्यालय) और अनिता (गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय) शामिल हैं।
इन छात्राओं का कहना है कि उनके पास हरियाणा सरकार द्वारा जारी वैध निशुल्क बस पास हैं, फिर भी निजी बस संचालक उन्हें बसों में चढ़ने से रोकते हैं या उनसे किराया मांगते हैं। याचिकाकर्ताओं के एडवोकेट वीएस बामल ने बताया कि इस मामले में राज्य सरकार, यातायात आयुक्त, जिला यातायात अधिकारी, रोडवेज महाप्रबंधक, बालाजी मोटर के प्रधान दीपक, नागपाल बस सर्विस के प्रधान नरेंद्र और रविंद्रा बस सर्विस के प्रधान रविंद्र को प्रतिवादी बनाया है।
छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि आदमपुर निवासी दर्शन नामक व्यक्ति, जिसे बस संचालकों ने चेकिंग के लिए अधिकृत किया है, वह बसों में चढ़कर परिचालकों को बस पास पर सफर करने से रोकने के निर्देश देता है, जबकि उसे परिवहन विभाग की ओर से कोई अधिकृत मान्यता प्राप्त नहीं है। छात्राओं ने कहा कि उन्होंने इस मामले की शिकायत रोडवेज महाप्रबंधक से की थी, जिन्होंने 25 अगस्त को निजी बस संचालकों को आदेश जारी कर कहा था कि वैध बस पास धारकों से किराया न लिया जाए। बावजूद इसके, निजी बस चालक आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।
रोडवेज के बस पास प्राइवेट बसों में मान्य नहीं : एसोसिएशन
इस पूरे विवाद पर हरियाणा स्टेज कैरिज परिवहन समिति एवं प्राइवेट बस एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. धन सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि रोडवेज द्वारा जारी पास निजी बसों में मान्य नहीं हैं। जब तक परिवहन विभाग अदायगी की स्पष्ट और सुनिश्चित प्रक्रिया नहीं बताता, तब तक निजी बसों में निशुल्क या रियायती पास लागू करना संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि प्राइवेट बसों को सरकार से कोई भुगतान नहीं मिल रहा, जिस कारण वे इस योजना का लाभ नहीं दे पा रहे।