जींद के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच जागलान ने लॉन्च किया नया अभियान
जींद, 19 जून (हप्र)
सेल्फी विद डॉटर अभियान के संस्थापक जींद के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान ने बृहस्पतिवार को अपने जन्मदिन पर भारत सुनील जागलान ग्रामीण विकास के गाँव, मॉडल लॉन्च किया है। इस मॉडल के लिए सुनील जागलान ने 15 वर्ष तक अथक मेहनत की। उन्होंने 10,000 गांवों की यात्राएं, 2,000 ग्राम सभाओं, और 5,000 ऑनलाइन-ऑफलाइन बैठकों के बाद यह मॉडल तैयार किया है।
बृहस्पतिवार को अपने जन्मदिन पर इस अभियान को लॉन्च करते हुए सुनील जागलान ने बताया कि अभियान ग्रामीण भारत को विश्व मंच पर एक आदर्श के रूप में स्थापित करने का संकल्प है। यह मॉडल न केवल गाँवों को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से उन्नत और सामाजिक रूप से एकजुट बनाता है, बल्कि शहरी और ग्रामीण भारत के बीच ग्राम स्पर्श की भावना को जागृत कर एक सहयोगात्मक सेतु बनाएगा। विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने की दिशा में यह मॉडल एक ठोस और समावेशी रणनीति प्रस्तुत करता है, जो ग्रामीण भारत को वैश्विक नवाचार का प्रतीक बनाएगा। सुनील जागलान का यह मॉडल उनकी पूर्व पहल, बीबीपुर मॉडल ऑफ वुमन एम्पावरमेंट एंड विलेज डेवलपमेंट (2016), का विस्तार है, जिसे राष्ट्रपति भवन ने उनके गोद लिए गाँव में लागू किया था। इस मॉडल को देश के 150 गाँवों ने अपनाया, जिसने महिला सशक्तीकरण के माध्यम से ग्रामीण विकास का मार्ग प्रशस्त किया। अब, सुनील जागलान ग्रामीण विकास मॉडल सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय, और तकनीकी पक्षों को एकीकृत कर समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।
यह मॉडल गाँवों को न केवल आत्मनिर्भर बनाता है, बल्कि उन्हें विश्व-स्तरीय नवाचारों जैसे विटामिन डी विलेज, एनीमिया मुक्त गाँव, गाली-मुक्त गाँव, महिला स्टार्टअप्स, कन्या भ्रूण हत्या पर रोक और नए गाँवों व शहरों के निर्माण के माध्यम से वैश्विक मंच पर चमकाने का वादा करता है।
मॉडल का आधार सामुदायिक भागीदारी
सुनील जागलान ने बताया कि उनका यह नया अभियान सामुदायिक भागीदारी, पारदर्शी शासन और तकनीकी नवाचार पर आधारित है। न्याय पंचायतों के माध्यम से ग्राम पंचायतें सामाजिक न्याय और जवाबदेही का केंद्र बनेंगी, जबकि डिजिटल उपकरणों से उनके कार्य पारदर्शी होंगे। बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान का कहना है कि उनके इस नए अभियान से गांव गाली मुक्त होंगे। अभियान गाँवों को सम्मानजनक संवाद का प्रतीक बनाएगा, जबकि ग्राम भक्ति पहल ग्रामीणों में अपने गाँव के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना जागृत करेगी। लैंगिक समानता के लिए महिला स्टार्टअप्स और स्व-सहायता समूहों को वित्तीय और डिजिटल सहायता दी जाएगी, ताकि ग्रामीण महिलाएँ आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों।