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हरे-भरे पेड़ों को लगी वन माफिया की नजर

कनीना, 29 मई (निस) वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते क्षेत्र में वन माफिया सक्रिय है और हरे-भरे पेड़ों पर आरी चलाई जा रही है। पेड़ों की कटाई से पर्यावरण दूषित होने का खतरा लगातार मंडराता...
कनीना में गुढा गांव में मशीनों की मदद से गिराये हरे पेड़। -निस
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कनीना, 29 मई (निस)

वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते क्षेत्र में वन माफिया सक्रिय है और हरे-भरे पेड़ों पर आरी चलाई जा रही है। पेड़ों की कटाई से पर्यावरण दूषित होने का खतरा लगातार मंडराता जा रहा है।

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खंड के विभिन्न गावों मोहनपुर, नांगल, गुढा, रसूलपुर, सुंदरह, पाथेडा, सेहलंग, खेडी, भोजावास, पडतल और मोडी के खेतों में मशीनों द्वारा पहले हरे-पेड़ गिराये जाते हैं और उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक आरी से मात्र कुछ समय में इन्हें साफ कर दिया जाता है। कुछ पेड़ आंधी-बारिश के मौसम में टूट जाते हैं तो दूसरी तरफ कुछ ग्रामीण जानबूझकर पेड़ों को गिराकर रातों-रात आरा मशीनों पर कटने के लिए भेज देते हैं।

कई गांवों से दर्जनभर ट्रॉलियां, पिकअप हरे-भरे पेड़ों के कटान से लदकर विभिन्न आरामशीनों पर पंहुच रही हैं। पेड़ों को बचाने के तैनात वन विभाग के कर्मचारी पेड़ कटाई करने वाले स्थानों के आसपास तक दिखाई नहीं देते। इस बारे में एडवोकेट वीरेंद्र सिंह बोस, मनोज कुमार, विनोद कुमार, मोती कुमार ने वन विभाग के कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप

लगाया है।

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