महिला सफाईकर्मियों ने आयोग को सौंपी शिकायत, स्टेट ऑफिसर पर घटना व रिपोर्ट दबाने का आरोप
एमडीयू में महिला कर्मियों संग अभद्रता का मामला गर्माया
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में महिला सफाई कर्मचारियों के साथ अभद्रता और उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बुधवार को पीड़ित महिला कर्मियों ने हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष के समक्ष प्रार्थना पत्र देकर न केवल प्रशासनिक लापरवाही, बल्कि मामले को दबाने के प्रयासों के गंभीर आरोप लगाए।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि जर्नल ब्रांच के स्टेट ऑफिसर भगत सिंह राठी ने घटना की जांच में उदासीनता बरती और आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपा दिया। उनका कहना है कि रिपोर्ट में घटना को छात्रों द्वारा उकसाया हुआ बताकर वास्तविकता से भटकाने का प्रयास किया गया।
पीड़ित महिलाओं ने बताया कि वे वर्षों से विश्वविद्यालय में निष्ठा से सफाई कार्य कर रही हैं और उनके प्रयासों से एमडीयू को स्वच्छता से जुड़े कई पुरस्कार मिले हैं। इसके बावजूद 26 अक्तूबर को राज्यपाल के दौरे के दौरान उनके साथ गंभीर अभद्रता हुई। आरोप है कि एक सुपरवाइजर ने माहवारी की पुष्टि के नाम पर उनसे कपड़े उतरवाकर जांच कराने की कोशिश की और कुछ कर्मचारियों की तस्वीरें भी लीं।
इस घटना का विरोध करने पर भी शुरुआत में किसी अधिकारी ने उनकी शिकायत नहीं सुनी। महिलाओं ने बताया कि प्रशासन की चुप्पी के चलते उन्हें छात्र संगठनों की मदद लेनी पड़ी, जिसके बाद ही मामला सार्वजनिक हुआ। बाद में सफाई कर्मचारी आयोग के चेयरमैन कृष्ण कुमार और रोहतक के मेयर रामवतार वाल्मीकि के हस्तक्षेप पर महिला आयोग ने इस मामले को संज्ञान में लिया।
महिला कर्मचारियों ने आयोग से मांग की है कि आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, पुलिस की भूमिका की जांच हो तथा स्टेट ऑफिसर राठी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
