मांगों को लेकर किसानों ने दिया धरना, दो घंटे रखा मौन
धरने में वक्ताओं ने कहा कि आज किसान अपनी फसल औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं। मंडियों में सरकारी घोषणा के बावजूद एमएसपी पर खरीद नहीं हो रही। खाद के लिए हर साल मारामारी बनी रहती है और बिजली विभाग की मनमानी से किसान परेशान हैं। ट्यूबवेल कनेक्शन तीन-चार साल से लंबित पड़े हैं जबकि किसानों ने इसके लिए तीन से पांच लाख रुपये तक जमा कर रखे हैं।
किसानों ने यह भी कहा कि सरकार जल निकासी की उचित व्यवस्था करने में पूरी तरह नाकाम रही है। रबी फसल की बिजाई नजदीक है लेकिन खेतों में अब भी पानी भरा हुआ है, जिससे बुआई पर संकट खड़ा हो गया है। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।
महापड़ाव की संयुक्त अध्यक्षता सुमेर सिंह गिगनाऊ, मांगे राम चहड़ कलां, धन सिंह सिंघानी, दरिया सिंह फरटिया केहर और जागे राम बिसलवास ने की। धरने में धर्मपाल बारवास, शेर सिंह झांझड़ा, मास्टर दयानंद दमकौरा, रोहतास, मास्टर उमराव सिंह, हवा सिंह खरकड़ी, अमर सिंह, जय सिंह, महावीर पूनिया, राजे राम, विजय गुरावा, अशोक आर्य, मनफूल ओबरा, कर्ण सिंह फरटिया, रण सिंह फरटिया, नरेन्द्र फरटिया भीमा सहित अनेक किसान नेताओं ने भाग लिया।
