Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

400 केवी बिजली टावरों के न्यायोचित मुआवजे व अन्य मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन

बोले- हरियाणा सरकार किसान मजदूरों की भारी उपेक्षा कर रही बवानीखेड़ा क्षेत्र के बलियाली, सुमरा खेड़ा, जाटू लुहारी, धनाना, मन्ढाना व बडेसरा गांवों के किसानों ने सिवानी से सोनीपत तक जा रही 400 केवी बिजली लाइन टावरों के बदले...

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
भिवानी में मांगों को लेकर लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करते किसान। -हप्र
Advertisement

बोले- हरियाणा सरकार किसान मजदूरों की भारी उपेक्षा कर रही

बवानीखेड़ा क्षेत्र के बलियाली, सुमरा खेड़ा, जाटू लुहारी, धनाना, मन्ढाना व बडेसरा गांवों के किसानों ने सिवानी से सोनीपत तक जा रही 400 केवी बिजली लाइन टावरों के बदले न्यायोचित मुआवजे की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा भिवानी के नेतृत्व में जिला उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।

किसानों का कहना था कि उपमंडल अधिकारी (नागरिक) महेश कुमार ने प्रभावित किसानों व बिजली निगम अधिकारियों के साथ बैठक तय की थी, परंतु अचानक एक केंद्रीय अधिकारी के आगमन के चलते प्रशासन ने बैठक रद्द कर दी। सूचना समय पर न मिलने से किसान डीआरडीए हाल पहुंच गए। बाद में सीटीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि अगली बार समय पर सूचना दी जाएगी।

Advertisement

किसानों ने टावरों के उचित मुआवजे के अलावा जलभराव की निकासी, बाजरा, कपास व धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद, बर्बाद फसलों का 1 लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घरों का मुआवजा, मनरेगा में 600 रूपये दैनिक दिहाड़ी व 200 दिन काम, बीज व खाद की उपलब्धता जैसी मांगें रखीं।

Advertisement

सभा को संबोधित करते हुए जिला उपप्रधान ओमप्रकाश, राज्य कमेटी सदस्य रामोतार बलियाली, डॉ. बलबीर ठाकन और किसान नेत्री संतोष देशवाल ने कहा कि टावरों से किसानों की भूमि का मूल्य घट जाता है, खेतों में निर्माण संभव नहीं रहता और बिजली की तरंगें स्वास्थ्य पर असर डालती हैं। इसलिए किसानों को बाजार दर से मुआवजा और 25 वर्ष तक रॉयल्टी दी जानी चाहिए।

नेताओं ने चेतावनी दी कि जब तक न्यायोचित मुआवजा व रॉयल्टी नहीं मिलती, किसान अपने खेतों में टावर नहीं लगने देंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसान मजदूरों की भारी उपेक्षा कर रही है। प्रशासन व सरकार उनकी समस्याओं के समाधान में कोई रुचि नहीं ले रही है।

Advertisement
×