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Protest Against Oil Pipeline: तेल पाइपलाइन बिछाने के विरोध में किसानों ने जताया विरोध

Farmers protest against laying of oil pipeline
भिवानी में बृहस्पतिवार को तेल पाइपलाइन बिछाने के विरोध में उपायुक्त को मांगपत्र सौंपने जाते किसान। -हप्र
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भिवानी, 2 जनवरी (हप्र) : पहले हाईटेंशन तार और अब खेतों में से तेल की पाइपलाइन बिछाने के विरोध में (Protest Against Oil Pipeline) आज किसानों ने प्रदर्शन किया। किसानों ने कहा कि अब सरकार निजी कंपनियों के साथ सांठ-गांठ कर खेतों में तेल पाइप लाइन बिछा रही है, जबकि इसके एवज में किसानों को मुआवजा तक नहीं दिया जा रहा है।

गांव रूपगढ़ के किसानों ने किया तेल पाइपलाइन का विरोध

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इसी कड़ी में जिला के गांव रूपगढ़, निमड़ीवाली, नंदगांव, झरवाई, ढ़ाणी जंगा, प्रहलादगढ़, कोंट, उमरावत, निनाण, नौरंगाबाद, सैय, रिवाड़ी, पूर्णपुरा आदि गांवों से यह पाइप लाइन बिछाने का कार्य भी शुरू किया जा चुका है। जिसके विरोध में गांव रूपगढ़ में 20 अक्तूबर 2024 से किसान धरनारत्त हैं।

Protest Against Oil Pipeline: डीसी को ज्ञापन सौंपा

किसानों ने कहा कि उनके विरोध के बाद भी निजी कंपनी के अधिकारियों द्वारा मनमाना रवैया अपनाते हुए गांव कोंट में एक बार फिर से पाइप लाइन डालने का काम किया गया। जिसके विरोध में किसान एक बार फिर उतरे तथा उपायुक्त को मांगपत्र सौंपते हुए इस कार्य को तुंरत प्रभाव से रूकवाने की मांग की।

मुआवज़े की मांग पर अड़े

इस दौरान उपायुक्त को मांगपत्र सौंपने (handing over the demand letter to the Deputy Commissioner) पहुंचे गांव रूपगढ़ धरना के अध्यक्ष नीरज यदुवंशी, कोंट के सरपंच हरविंद्र सिंह, रूपगढ़ के सरपंच रवि कुमार, ढ़ाणी जंगा के सरपंच जितेंद्र राजपूत, झरवाई सरपंच राजेश सांगवान, नंदगांव सरपंच महेंद्र सिंह, निमड़ीवाली के सरपंच लीलाराम ठेकेदार ने बताया कि सरकार नीजि कंपनी के साथ मिलकर किसानों को पूरी तरह से बर्बाद करना चाहती है। इसीलिए किसानों को मुआवजा दिए बगैर ही उनके खेतों से पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है।

Protest Against Oil Pipeline: हाईटेंशन की भी टेंशन

उन्होंने कहा कि गांव के लोग हाईटेंशन की तार की वजह से पहले ही परेशान हैं। पांच साल से इन गांवों के किसान इस समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं। जिसके बाद अब इन गांवों में पाइप लाइन बिछाई जा रही है। जिसके चलते सीधे तौर पर उनकी उपजाऊ जमीन पर प्रभाव पड़ रहा है तथा उनकी जमीन धीरे-धीरे बंजर होती चली जाएगी। इसका नतीजा यह होगा कि किसानों के समक्ष अपने परिवार के पालन-पोषण की समस्या खड़ी हो जाएगी।

फिलहाल तो गांव कोंट में भी पाइपलाइन बिछाने के कार्य को रूकवा दिया गया है। किसानों ने चेतावनी दी कि या तो कंपनी इस कार्य को पूर्ण रूप से बंद करें या फिर किसानों को बाजार मूल्य का भाव दें ताकि वे अपने परिवार का गुजर- बसर कर सकें।

 

 

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