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किसानों को खेती के साथ उद्यमिता की जरूरत : काम्बोज

चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय कृषि मेला (रबी) का समापन हुआ। मेले का थीम ‘प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन’ रहा। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा नई तकनीकों की जानकारी देने के लिए 300...
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हिसार में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टॉलों को सम्मानित करते कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज। -हप्र
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चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय कृषि मेला (रबी) का समापन हुआ। मेले का थीम ‘प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन’ रहा। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा नई तकनीकों की जानकारी देने के लिए 300 स्टालें लगाई गईं। मेले में किसानों को रबी फसलों की उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज व कृषि साहित्य भी उपलब्ध करवाएं। मेले के समापन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज मुख्यातिथि रहे, जबकि लुवास के कुलपति प्रो. विनोद कुमार वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कुलपति प्रो. काम्बोज ने कहा कि किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ करने के लिए परंपरागत फसलों के स्थान पर दलहनी व तिलहनी फसलों को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके साथ-साथ पशुपालन, बागवानी तथा मत्स्य पालन को अपनाकर किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। उन्होने कहा कि किसानों को खेती के साथ-साथ उद्यमिता की ओर अग्रसर होने की जरूरत है। भारत में कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, क्योंकि यह हमें भोजन प्रदान करने के साथ साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करता है, निर्यात को बढ़ावा देता है और सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देता है। कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्टॉलों को सम्मानित किया। कुलपति प्रो. विनोद वर्मा ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीक उपलब्ध करवा रहा है। शोध कार्यों के साथ-साथ उन्नत किस्मों के बीज उपलब्ध करवाने में भी अहम भूमिका निभा रहा है।

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