क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 70, 546 एकड़ फसलों में नुकसान का किसानों ने करवाया पंजीकरण
बारिश की वजह से हुए फसलों में नुकसान पर मुआवजा निर्धारित करने के लिए सरकार द्वारा ओपन किए गए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर सोनीपत जिले के 10 हजार 47 किसानों ने अपनी फसलों में नुकसान का पंजीकरण करवाया है। क्षतिपूर्ति पोर्टल...
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बारिश की वजह से हुए फसलों में नुकसान पर मुआवजा निर्धारित करने के लिए सरकार द्वारा ओपन किए गए क्षतिपूर्ति पोर्टल पर सोनीपत जिले के 10 हजार 47 किसानों ने अपनी फसलों में नुकसान का पंजीकरण करवाया है।
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण की अंतिम तारीख 15 सितंबर निर्धारित की गई थी, हालांकि मंगलवार को भी पोर्टल खुला रहा और अब तक किसान 70 हजार 546 एकड़ भूमि में बोई फसलों में हुए नुकसान का पंजीकरण कर चुके हैं। पंजीकरण प्रक्रिया के बाद अब गिरदावरी प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर किसानों को सरकार की तरफ से मुआवजा राशि जारी की जाएगी।
बता दें कि खरीफ सीजन में जिले में इस बार अगस्त और सितंबर के पहले सप्ताह में जबरदस्त बारिश दर्ज की गई। बारिश के कारण जिले के अधिकतर क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई थी। परिणामस्वरूप फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसान लगातार सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा 15 सितंबर तक क्षतिपूर्ति पोर्टल ओपन किया गया था।
सोनीपत ब्लॉक के 92, गोहाना ब्लॉक के 62 गांव शामिल
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर सोनीपत जिले के 302 गांवों को शामिल किया गया है जिसके अंतर्गत सबसे अधिक गांव सोनीपत ब्लॉक के हैं। सोनीपत ब्लॉक के 92 गांवों के किसानों ने क्षतिपूर्ति पोर्टल में अपनी फसलों के नुकसान का पंजीकरण करवाया है। इसी तरह से गोहाना के 62 गांव, गन्नौर के 55 गांवों को क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण के लिए शामिल किया गया है। खरखौदा ब्लॅक के 42 गांव और राई ब्लॅक के 31 गांवों के किसानों ने भी अपने नुकसान का पंजीकरण पोर्टल पर किया है। खानपुर ब्लॉक के 20 गांव शामिल किए गए हैं।
बाजरा व कपास की फसल में अधिक नुकसान
सोनीपत जिले में इस बार बारिश की वजह से सबसे अधिक नुकसान बाजरा और कपास की फसल को हुआ है। करीब 5 हजार एकड़ भूमि में बाजरे की फसल बारिश से प्रभावित है। वहीं 1,400 एकड़ भूमि में खड़ी कपास बारिश की मार झेल रहा है। अधिक बारिश होने की वजह से इस बार हजारों एकड़ भूमि में उगी धान की फसल भी प्रभावित हुई है। धान की फसल में अब भी कई क्षेत्रों में पानी भरा हुआ है। किसान लगातार पानी की निकासी की मांग कर रहे हैं।
सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल ओपन किया गया था। किसानों ने 70 हजार से अधिक एकड़ भूमि का पंजीकरण करवाया है। अब गिरदावरी का काम जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी जाएगी।
-सुशील कुमार, डीआरओ, सोनीपत
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