जनता कॉलेज के निष्कासित कर्मचारी पहुंचे नवीन जयहिंद के पास, मुख्यमंत्री से समाधान की मांग
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि संस्था के दो प्रधानों की आपसी लड़ाई में उन्हें बलि का बकरा बनाया गया और बिना नोटिस उनके पद से हटा दिया गया। इसके साथ ही उनकी शैक्षणिक डिग्रियां भी जब्त कर ली गईं। नवीन जयहिंद ने कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए कहा, संस्था के प्रधान खुद को खुदा न समझें, उन्हें रोजगार देना चाहिए, छीनना नहीं।
उन्होंने कांग्रेस विधायक हिंदू राज नरवाल और सांसद सतपाल ब्रह्मचारी से भी इस मुद्दे पर आवाज उठाने की अपील की। जयहिंद ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों का कहना है कि यह कार्रवाई मंत्री अरविंद शर्मा और महिपाल ढांडा के दबाव में की गई ताकि उनके अपने लोगों को एडजस्ट किया जा सके। जबकि सीबीआई जांच में इनकी भर्ती नियमित और पारदर्शी पाई गई थी।
जयहिंद ने शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ तो हिंदी को बढ़ावा देने की बात हो रही है, लेकिन निष्कासन पत्र अंग्रेज़ी में जारी किए जा रहे हैं जिन्हें आम लोग समझ ही नहीं सकते। जयहिंद ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से अपील की कि इन कर्मचारियों को, जो पिछले 10-12 सालों से सेवा दे रहे हैं, पुनः नियुक्त किया जाए। उन्होंने कहा, कि बिना पर्ची, बिना खर्ची के रोजगार देने के सरकार के वादे को निभाएं।