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देश को विकसित बनाने में हर व्यक्ति की भूमिका जरूरी

पीजीआई रोहतक के दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल
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रोहतक में मंगलवार को पीजीआईएमएस में हुए दीक्षांत समारोह का दीप जलाकर शुभारंभ करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय। -निस
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रोहतक, 12 नवंबर (निस)

पीजीआईएमएस का चतुर्थ दीक्षांत समारोह मंगलवार को आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में महानिदेशक सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं एवीएसएम वीएसएम सर्जन वाइस एडमिरल डॉ. आरती सरीन मौजूद रहीं, जिनको राज्यपाल द्वारा डिग्री से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि डॉक्टर को जनता भगवान का रूप मानती है। ऐसे में डॉक्टर को अपने पेशे को समाज सेवा का माध्यम मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा भाव से किए हुए कार्य से परिवार में अपने आप समृद्धि आती है। चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च के दृष्टिकोण को अपना जरूरी है, जो देश व समाज तरक्की के लिए जरूरी है। राज्यपाल ने चिकित्सा संस्थान से उत्तीर्ण 5806 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की। उन्होंने कहा कि यह बड़े हर्ष और गौरव की बात है कि जिन विद्यार्थियों ने डिग्री प्राप्त की है उनमें 3484 लड़कियां हैं। इसके साथ ही जिन 32 विद्यार्थियों ने स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं, उनमें 23 लड़कियां हैं।

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राज्यपाल ने कहा कि डिग्री हासिल करने का दिन छात्र जीवन में बहुत महत्वपूर्ण और यादगार दिन होता है यह कड़ी मेहनत का परिणाम है और इसके पीछे परिजनों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि डिग्री हासिल करने से पहले केवल पढ़ाई का कार्य होता है लेकिन जिस दिन डिग्री हाथ में आ जाती है, उसी दिन से नया रास्ता तलाशना पड़ता है। राज्यपाल ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ शरीर के साथ शांत चित्त और आत्मिक शांति जरूरी है। आत्मिक शांति तभी आती है जब स्वास्थ्य सही रहता है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्राचीन चिकित्सा जगत में आयुर्वेद का बहुत बड़ा योगदान है। नियमित रूप से योग, प्राणायाम और व्यायाम करके हम ना केवल निरोगी रह सकते हैं बल्कि हमारा मन भी शांत रहता है, जो आज के समय में सबसे जरूरी है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे केवल डिग्री हासिल करने तक अपने आप को संतुष्ट न माने, उनको निरंतर आगे बढ़ना है और नई रिसर्च का दृष्टिकोण अपनाना है।

नई रिसर्च के दृष्टिकोण से ही देश आगे बढ़ेगा और उसी से समाज में समृद्धि आएगी। पीजीआईएमएस की कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने अतिथिगणों को स्मृति चिन्ह भेट कर सम्मानित किया। पीजीआई के निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब ने बताया कि पीजीआईएमएस को आईआईआरएफ सर्वे में टॉप मेडिकल काॅलेजों में 12वीं रैंक मिली, इंडिया टुडे सर्वे में 27वीं रैंक मिली वहीं एनआईआरएफ में टॉप 50 मेडिकल कॉलेजों की श्रेणी में इसे शामिल किया गया है।

इस अवसर पर उपायुक्त धीरेंद्र खडगटा, पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया, एसडीएम आशीष कुमार, पूर्व मेयर मनमोहन गोयल, भाजपा जिला अध्यक्ष रणबीर ढाका, पंडित लख्मीचंद विश्वविद्यालय के कुलपति गजेंद्र चौहान, कुलसचिव डॉ. एच.के. अग्रवाल, निदेशक डॉ. एस.एस. लोहचब, डीन एकेडमिक अफेयर्स डॉ. ध्रुव चौधरी, डीन डॉ. कुलदीप सिंह लालर सहित सैकड़ों चिकित्सक, कई कॉलेजों के निदेशक व जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।

केवि का 10वां दीक्षांत समारोह 18 को

महेंद्रगढ़ (हप्र): हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि) का दसवां दीक्षांत समारोह 18 नवंबर, 2024 को आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया कि इस दीक्षांत समारोह में 1338 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को पीएचडी, एमफिल, स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री प्रदान की जाएंगी। कुलपति ने बताया कि दसवें दीक्षांत समारोह में 1338 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। आयोजन के संबंध में 12 नवंबर, 2024 को विश्वविद्यालय कुलपति की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों व आयोजन से जुड़ी विभिन्न समितियों के संयोजकों की बैठक हुई, जिसमें इस आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कौशिक के अनुसार 10वें दीक्षांत समारोह में 65 को पीएचडी, 8 को एमफिल सहित 1338 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। इसी क्रम में 46 विद्यार्थियों को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए लिए स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे।

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