दुष्यंत चौटाला ने कार्यकर्ताओं को दिया जनहित में संगठित रहने का संदेश
किसानों की परेशानियों और महिलाओं के वादाखिलाफी योजनाओं पर साधा निशाना
पूर्व डिप्टी सीएम और जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि वे पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाएं और संगठित रहकर जनहित के लिए संघर्ष करें। दुष्यंत चौटाला रविवार को जिले के विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने पहुंचे।
इस दौरान वे झज्जर के गांव मातनहेल भी गए, जहां उन्होंने जेजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राकेश जाखड़ के साले की आकस्मिक मृत्यु पर शोक जताया। मृतक श्मशेर, पूर्व सरपंच जयभगवान के पुत्र थे और पशुपालन विभाग में कार्यरत थे। हाल ही में करंट लगने से उनकी मौत हो गई थी। चौटाला ने शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस कठिन समय में पूरी पार्टी उनके साथ खड़ी है।
बाद में कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि हाल के जलभराव और प्राकृतिक आपदाओं से किसान बेहद परेशान हैं, लेकिन सरकार ने मुआवजे की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उल्टा, मंडियों में बाजरे की खरीद से भी इंकार कर दिया गया, जिससे किसान औने-पौने दामों पर फसल बेचने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने फसलों की समय पर खरीद और भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित कराई थी, लेकिन मौजूदा सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है। चौटाला ने नायब सैनी सरकार पर केवल घोषणाओं की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने लाडो लक्ष्मी योजना को महिलाओं के साथ छलावा बताया और कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले 2100 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद वादा भुला दिया।
बीपीएल कार्ड काटे जाने पर उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि यह सरकार गरीब विरोधी है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष संजय दलाल और प्रेस प्रवक्ता विकास पाराशर भी मौजूद रहे।