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गर्मी के कारण 15 से 20 फीसदी तक आयी पशुओं के दूध में गिरावट

पशु चिकित्सकों ने विशेष सावधानी बरतने के दिये निर्देश
पशुओं की देखभाल करते पशु चिकित्सक डॉ. विजय सनसनवाल। -हप्र
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भिवानी, 20 मई (हप्र)

पशु चिकित्सक डाॅ. विजय सनसनवाल ने बताया है कि बढ़ती गर्मी न केवल इंसानों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है, बल्कि बढ़ते तापमान व गर्मी के चलते दुधारू पशुओं में 15 से 20 प्रतिशत तक दूध में भी कमी आई है। पशुओं में तेज बुखार हो जाता है और पशु चरना भी छोड़ देते है। ऐसे में पशुओं का तुरंत प्रभाव से पशु चिकित्सक से उपचार करवाना चाहिए। इसके अलावा पशु चिकित्सक ने पशु पालकों से आह्वान किया कि वे अपने पशुओं को गर्मी की मार से बचाने के लिए कुछ विशेष सावधानियां बरते। उन्होंने बताया कि धूप निकलने से पहले व देर रात पशु को नहलाए, दिन में 3-4 बार पानी पिलाए, पशुओं के लिए कूलर का प्रबंध करें, खेतों में रहने वाले पशुओं को अगर पेड़ के नीचे बांधते है तो आसपास सुबह उठते ही ठंडे पानी का छिडक़ाव करें, पशुओं को तूड़ा कम व हरा चारा अधिक दे। हरे चारे में भी ध्यान रखे कि कम बढ़ी हुई ज्वार या बाजरा ना दे। अगर हरे चारे में स्प्रे किया गया है तो वो चारा ना खिलाए, पशु को हर रोज 50-50 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं। उन्होंने बताया कि हांफने वाले पशु के लिए नहर के पास खड़ी हई भांग के पौधे हरे चारे में मिलाकर खिलाने पर बहुत ही फायदेमंद रहते है, लेकिन इसकी मात्रा 300 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए।

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गर्मी के बुखार के लिए सबसे उपयुक्त उपाय उन्हे सुबह-शाम एक घंटा सूर्योदय से पहले व सूर्यास्त के बाद जोहड़ में रखना है, जिससे तीन-चार दिन में बुखार खत्म हो जाएगा।

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