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डीएसपी पर मृतक के बेटे को थप्पड़ मारने का आरोप, चौकी के बाहर धरने पर बैठे ग्रामीण

पुलिस हिरासत में मौत का मामला
हिसार के गांव मंगाली में पुलिस चौक के सामने धरने पर बैठे ग्रामीण व धरने पर लगे टेंट का खंभा ले जाता पुलिस कर्मचारी। -हप्र
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पिछले मंगलवार की रात मंगाली चौकी में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई एक व्यक्ति की मौत के मामले की जांच के दौरान मृतक के बेटे ने हिसार के डीएसपी कमलजीत पर घर में घुसकर थप्पड़ मारने व मोबाइल फोन छीनने का आरोप लगाते हुए एसपी को शिकायत दी है। मामले में पुलिस ने अभी तक कार्रवाई नहीं की। विरोध में ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार के साथ मंगाली चौकी के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। धरना उठाने के लिए पुलिस ने टेंट उखाड़ दिया, लेकिन ग्रमीण धूप में ही धरने पर बैठे रहे।

एसपी को दी शिकायत में अमित ने बताया कि पिता संजय की मृत्यु 23 जुलाई को पुलिस हिरासत में हुई थी। उसके, मां व अन्य के बयान दर्ज करके शव का पोस्टमार्टम करवा दिया और अंतिम संस्कार कर दिया गया। 25 जुलाई की शाम करीब 4 बजे पुलिस व फोरेंसिक टीम उसके घर आई। पुलिस ने मां के बयान दर्ज किए व बहन को घर से बाहर बुलाकर बिना किसी महिला पुलिस की उपस्थिति में पूछताछ की। पुलिस ने अपने अनुसार बयान लिखकर उन पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया और परेशान किया। इसी दौरान डीएसपी कमलजीत उसके घर में आ गए। उस समय वह और उसके परिवार के सदस्य फोरेंसिक टीम की जांच में सहयोग कर रहे थे लेकिन डीएसपी कंवलजीत व अन्य पुलिस कर्मियों ने उसको धक्के मारकर घर से बाहर निकालने का प्रयास किया। उसने फोन से वीडियो बनाने का प्रयास किया तो डीएसपी कमनजीत ने फोन छीन लिया और उसको थप्पड़ मारा। जब उसने विरोध किया तो धमकी दी कि जो हो सकता है कर लेना व अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। पीड़ित ने डीएसपी कंमलजीत, सुखबीर, विनय, जगबीर, चौकी प्रभारी राकेश कुमार के खिलाफ केस दर्ज करके कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।

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धरने पर बैठे ह्युमन राइट फाउंडेशन फोर जस्टिस के चेयरमैन एडवोकेट जिले सिंह कांटीवाल ने कहा कि कानून के तहत डीएसपी को किसी को थप्पड़ मारने का और मोबाइल छीनने का अधिकार नहीं है। अगर वह ऐसा करता है तो यह संज्ञेय अपराध है। डीएसपी को पता था कि वह दलित समुदाय के घर में है और वहां ऐसी हरकत करना एससी/एसटी एक्ट के तहत अपराध है। जब तक पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती, उनका धरना जारी रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि धरने पर लगाए टेंट को पुलिस कर्मचारियों ने जबरदस्ती उखाड़ दिया जिस कारण उनको धूप में धरने पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि एससी/एसटी एक्ट के तहत दी गई शिकायत में तुरंत एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। धरने पर गांव मंगाली झारा के सरपंच जोगेंद्र, मंगाली अकलान के सरपंच राजेश, पूर्व सरपंच सतबीर, मंगाली रविदास सभा के पूर्व प्रधान संजय, विरेंद्र, रोहताश, विनोद, अमित व मनोज टांक मौजूद रहे। मामले में डीएसपी कमलजीत का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया गया और टेक्स मैसेज भी किया गया लेकिन उन्होंने बात नहीं की। एसपी शशांक कुमार सावन ने कहा कि मृतक व्यक्ति के पुत्र की शिकायत मिली है जिसकी जांच डीएसपी सुनील कुमार को सौंप दी गई है।

 

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