ड्रेन ओवरफ्लो, खेत बने जलसागर, फसलें बर्बाद
लगातार बरसात व ड्रेन की सफाई और रखरखाव में लापरवाही के कारण क्षेत्र के रामपुरा-बापोड़ा रोड के साथ लगती सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि में पानी जमा हो गया है और निरंतर ऑवरफ्लो के चलते ड्रेन का पानी अधिक से अधिक...
लगातार बरसात व ड्रेन की सफाई और रखरखाव में लापरवाही के कारण क्षेत्र के रामपुरा-बापोड़ा रोड के साथ लगती सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि में पानी जमा हो गया है और निरंतर ऑवरफ्लो के चलते ड्रेन का पानी अधिक से अधिक खेतों को चपेट में ले रहा है। पुरा क्षेत्र जलसागर में तब्दील हो गया है।
भिवानी घग्गर ड्रेन और धनाना सैमन ड्रेन का संगम स्थल - रामूपुरा बापोड़ा रोड पर अब एक बड़ा संकट क्षेत्र बन चुका है। दोनों ड्रेन जहां आपस में मिलती हैं, वहां से आगे ड्रेन पूरी तरह ओवरफ्लो हो चुकी है। अब तो हालत यह है कि ड्रेन का अस्तित्व ही नजर नहीं आता-चारों ओर बस पानी ही पानी फैला है। इस जलभराव ने बलियाली, रामपुरा, दांग सहित आस-पास के सैकड़ों किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। कई किसानों ने बताया कि न केवल उनकी वर्तमान फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई, बल्कि आगामी बुवाई का समय और ज़मीन की हालत भी प्रभावित हो चुकी है।
किसानों ने इस आपदा को लेकर विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि, सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से तुरंत दखल देने की मांग की है। किसानों का साफ कहना है कि प्रशासन पानी निकासी की समुचित व्यवस्था करे और उन्हें विशेष गिरदावरी करवा कर उचित मुआवजा दिया जाए। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि ड्रेनों की समय पर सफाई नहीं हुई, और प्रशासन ने इस संभावित संकट को नजरअंदाज किया। अगर समय रहते उचित कदम उठाए जाते, तो आज यह स्थिति पैदा नहीं होती।
बरसाती पानी से गलियां लबालब, पानी में खड़े होकर किया प्रदर्शन
चरखी दादरी (हप्र) : गांव बिलावल में बरसाती पानी की निकासी नहीं होने के कारण गलियां पानी से लबालब हो गई हैं। गलियों में दूषित पानी जमा होने के चलते ग्रामीणों ने पानी के बीच खड़े होकर नारेबाजी कर रोष जताया और समस्या के समाधान की मांग की। साथ ही कहा कि अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधियों तक अरदास लगा चुके हैं, बावजूद इसके कोई समाधान नहीं हई। बिलावल निवासी ग्रामीण राममेहर सिंह, धर्मेंद्र, विकास, असीन, सत्यवान, रमेश, शमशेर आदि ने कहा कि गली का लेवल सही नहीं होने के कारण बरसाती पानी की निकासी नहीं हो पाती है। वहीं बरसात के समय पानी उनके घरों के अंदर तक पहुंच जाता है। कई दिनों से उनके घरों के सामने दूषित पानी जमा होने के कारण वे घरों से भी नहीं निकल पा रहे। वहीं लगातार दूषित पानी जमा रहने से बीमारियां फैलने का भी खतरा बना हुआ है। स्कूल में बच्चे भी पानी के बीच से होकर निकलने पर मजबूर हैं।
सड़कों पर जमा पानी से परेशानी
कनीना (निस) : कनीना क्षेत्र में पिछले चार दिन से रुक-रुक कर हो रही बारिश से चंहुओर पानी दिखाई देने लगा है। मंगलवार को 74 एमएम बारिश हुई थी वहीं बुधवार को 10 एमएम, बृहस्पतिवार को 59 एमएम तथा शुक्रवार को 37 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। बरसाती पानी सड़कों पर जमा हो गया है, खरीफ फसल जलमग्न हो गई हैं। फसलों में पानी जमा होने से नुकसान की संभावना बनने लगी है, जिससे परेशानी बढ़ गई है। बारिश के बाद उमसभरी गर्मी से निजात मिली है। महेंद्रगढ-कनीना-कोसली स्टेट हाईवे 24 पर उन्हाणी के समीप रामपुरी रजबाहे के लीकेज साइफन के स्थान पर पानी जमा होने एवं क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग से हालात खराब हो रहे हैं। अटेली मोड़, बस स्टैंड, गाहडा रोड सहित विभिन्न निचले स्थानों की हालत भी दयनीय है। सड़क मार्ग खराब होने से वाहन चालक परेशान हैं।

