डाॅ. सचिन शर्मा बने आरआईएस के नए महानिदेशक
जिला निवासी डा. सचिन कुमार शर्मा को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के अंतर्गत रिसर्च एंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर डिवेलपिंग कंट्रीज (आरआईएस) नई दिल्ली का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। वे महानिदेशक के रूप में विकासशील देशों, विशेषकर अल्पविकसित देशों (एलडीसीज़) के लिए अनुसंधान, नीति संवाद व क्षमता निर्माण को नई दिशा देंगे।
डॉ. शर्मा ने शुक्रवार को साउथ ब्लॉक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने वर्ष 2014 में खाद्य सुरक्षा पर भारत की स्थिति मजबूत करने और ‘परपेचुअल पीस क्लॉज़’ को सुनिश्चित करने में डॉ. जयशंकर की भूमिका के लिए आभार जताया। डॉ. शर्मा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का उल्लेख अपनी पुस्तक “डब्ल्यूटीओ एंड फूड सिक्योरिटी” में भी किया है, जिसकी एक प्रति उन्होंने विदेश मंत्री को भेंट की। रोहतक के साधारण परिवार में वर्ष 1978 में जन्मे डॉ. शर्मा के पिता एक मैकेनिक रहे हैं और आज भी उनके माता-पिता रोहतक की नेहरू कॉलोनी में रहते हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जैन हाई स्कूल से प्राप्त की और स्नातक हिन्दू कॉलेज, रोहतक से किया। इसके बाद उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू), रोहतक से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया और आगे की पढ़ाई जेएनयू, नई दिल्ली से की, जहां से उन्होंने एम. फिल और पीएचडी की उपाधियां प्राप्त कीं। वर्ष 2008-09 में डॉ. शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मानव विकास रिपोर्ट प्रोजेक्ट में कार्य किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के डब्ल्यूटीओ अध्ययन केंद्र में प्रोफेसर के रूप में योगदान दिया। वे पिछले 16 वर्षों से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूडीओ) में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, विशेषकर कृषि वार्ताओं में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है। उन्होंने भारत की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नीति को विकसित देशों की चुनौतियों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे डब्ल्यूटीओ और खाद्य सुरक्षा जैसे विषयों पर गहरी समझ रखते हैं और इस विषय पर उनकी पुस्तक डब्ल्यूटीओ एंड फूड सिक्योरिटी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। डॉ. शर्मा ने 6 पुस्तकें और कई शोध लेख प्रकाशित किए हैं। वे ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग ले चुके हैं। उनकी नियुक्ति से न केवल रोहतक बल्कि पूरे देश को गर्व की अनुभूति हुई है।