पीजीआई में रोटेटरी हेडशिप की मांग को चिकित्सकों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा
राज्यपाल ने इस पर सहमति प्रदान करते हुए विश्वविद्यालय को अनुमति भेज दी थी। अब केवल इसको लागू करना बाकी है। चिकित्सकों ने बताया कि यूजीसी के नियमों के अनुसार भी रोटेटरी हेडशिप का प्रावधान है। हाल ही में नेशनल मेडिकल कमीशन ने भी इसे लागू करने की सिफारिश की है।
चिकित्सकों ने बताया कि रोटेटरी हेडशिप से संस्थानों में पारदर्शिता और नेतृत्व में समानता बढती है, जो प्रशासनिक संरचना को अधिक लोकतांत्रिक बनाता है। वहीं इससे युवाओं को आगे बढने का अवसर मिलेगा, जिससे वें और अधिक मेहनत और लग्न के साथ अपने कार्य को करेंगे, जिसका सीधा फायदा संस्थान में आने वाले मरीजों को मिलेगा।
कुलपति ने चिकित्सकों को आश्वासन दिया कि वे इस मामले को गंभीरता से देखेंगे और इसे लागू करवाने के लिए भरसक प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वे इसके तकनीकी पहलू को जानते हुए आगामी कार्रवाई करेंगे। साथ ही चिकित्सकों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द पीजीआईएमएस रोहतक में रोटेटरी हेडशिप लागू नहीं होती है तो वे कोई भी बड़ा कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।