फार्मासिस्ट की संदिग्ध हालात में मौत की जांच की मांग
आयुष विभाग के फार्मासिस्ट सुनील रंगा के परिजनों ने उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
गौरतलब है कि रंगा का 31 अगस्त की रात को स्थानीय घंटा घर चौक के समीप शव मिला था। रंगा 31 तारीख शाम को 8 बजे घर से स्कूटी पर निकला था। उनके बड़े भाई विनोद कुमार रंगा ने बताया कि इसके बाद से उनका मोबाइल बंद था और परिवार उनसे संपर्क नहीं कर पाया। अगली सुबह शहर पुलिस ने घंटाघर से उनका शव बरामद किया, जिसे लावारिस मानकर सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया था। इस घटना के बाद जन संघर्ष समिति भिवानी के संयोजक और माकपा नेता कॉमरेड ओम प्रकाश और सुखदेव पालवास ने अस्पताल पहुंचकर शव का मुआयना किया और पुलिस प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने की भी मांग की।
विनोद कुमार रंगा ने भी शहर थाने में आवेदन देकर निष्पक्ष जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। सुनील रंगा का मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार
किया गया।