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दीपेंद्र का सैनी सरकार पर निशाना, किसानों की फसलें बर्बाद फिर क्यों नहीं हो रही सैटेलाइट गिरदावरी

झज्जर की ई-दिशा की बैठक में जलनिकासी और राहत कार्य रहेगा मुख्य एजेंडा कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश की नायब सैनी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब किसानों पर पराली जलाने के नाम पर सैटेलाइट से...
झज्जर के एक गांव में सांसद दीपेन्द्र हुड्डा व पूर्व मंत्री गीता भुक्कल को बर्बाद बाजरे की फसल दिखाते किसान। -हप्र
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झज्जर की ई-दिशा की बैठक में जलनिकासी और राहत कार्य रहेगा मुख्य एजेंडा

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश की नायब सैनी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब किसानों पर पराली जलाने के नाम पर सैटेलाइट से नजर रखी जा सकती है और उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है, तो फिर बाढ़ और बारिश से बर्बाद हुई फसलों की गिरदावरी के लिए सैटेलाइट तकनीक का सहारा क्यों नहीं लिया जा रहा।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है और राहत देने में गंभीरता नहीं दिखा रही। हुड्डा शनिवार को पूर्व मंत्री गीता भुक्कल के साथ झज्जर विस क्षेत्र के बिरोहड़, कालियावास सहित जलभराव वाले कई गांवों का दौरा कर रहे थे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और कहा कि हरियाणा सरकार अब तक केंद्र से राहत पैकेज की मांग तक नहीं कर पाई है, जबकि पंजाब जैसे पड़ोसी राज्य राहत कार्यों में तेजी दिखा रहे हैं।

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उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दिल्ली जाकर भी किसानों के लिए अपने अधिकारों की आवाज नहीं उठा पाती। कांग्रेस सांसद ने मांग की कि युद्धस्तर पर जलनिकासी के प्रबंध किए जाएं और विशेष गिरदावरी कराकर किसानों को कम से कम 60 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। साथ ही घरों और दुकानों को हुए नुकसान का सर्वे कराकर भी प्रभावित लोगों को राहत दी जाए।

उन्होंने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री को प्रदेश और जिला स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटी बनानी चाहिए ताकि राहत कार्यों पर निरंतर निगरानी रखी जा सके। हुड्डा ने बताया कि 19 सितंबर को होने वाली दिशा कमेटी की बैठक में जलनिकासी, राहत कार्य और मुआवजे का मुद्दा प्रमुख रहेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में किए गए प्रयासों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें, जिसमें पम्प-सेट, पाइपलाइन, बिजली कनेक्शन, मोटर और सीवर-नालों की सफाई तक की जानकारी शामिल हो।

उन्होंने सरकार के घोषित 7 से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजे को ऊंट के मुंह में जीरा बताया और याद दिलाया कि कांग्रेस सरकार के समय हरियाणा में पंजाब से दोगुना मुआवजा मिलता था। आज हालात उलटे हैं, पंजाब ने न्यूनतम 20 हजार रुपये का मुआवजा घोषित किया है, जबकि हरियाणा के किसान कम राहत में गुजारा करने को मजबूर हैं।

उन्होंने सवाल किया कि क्या हरियाणा में भाजपा का डबल इंजन किसान विरोधी हो गया है। इस मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष संजय राव, सुनील जाखड़ और पूर्व एसीपी राजबीर जाखड़ भी उनके साथ मौजूद रहे।

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