डीसी के पीए को न्यायिक हिरासत में भेजा, फोन में 76 लाख के संदिग्ध लेन-देन के मिले सबूत
सोनीपत, 24 जून (हप्र)
रजिस्ट्री क्लर्क के तौर पर राई उप तहसील में पोस्टिंग दिलाने के नाम पर 3.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते एसीबी की पकड़ में आए डीसी के पीए के बैंक अकाउंट से 76 लाख रुपये के संदिग्ध लेन-देन की बात सामने आई है। उसके फोन की जांच में वर्ष 2022 से जून-2025 तक कई संदिग्ध ट्रांजेक्शन मिली है। अब एसीबी ने जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। वहीं, दो दिन की रिमांड अवधि के बाद आरोपी पीए शशांक शर्मा को कोर्ट में पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एडीसी कार्यालय में कार्यरत क्लर्क जितेंद्र कुमार ने एसीबी को दी शिकायत में बताया था कि डीसी का पीए शशांक शर्मा उसे राई उप तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के पद पर ट्रांसफर कराने के नाम पर 5 लाख रूपये रिश्वत मांग रहा है। उसने बताया कि वह 1.50 लाख रूपये पहले ही दे चुका है। अब 3.50 लाख रूपये और मांग रहा है। 20 जून को तय योजना के अनुसार जितेंद्र कुमार ने रिश्वत की रकम दे दी। एसीबी को कार्रवाई के दौरान शशांक के पास से 3.50 लाख रुपये बरामद हुए थे जो उसने रिश्वत के तौर पर वसूल किए थे। उसे एसीबी की टीम ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया था।
18 जून, 2025 को सहायक हरीश कुमार से 20 हजार रुपये ट्रांसफर करवाए गए है। डीआईटीएस ऑपरेटर अनूप सिंह से 2,19,330 रुपये, चालक प्रवीन कुमार से 6 जून को 10 हजार रुपये, डीआईटीएस ऑपरेटर अखिल से 1.30 लाख रुपये यूपीआई के जरिए ट्रांसफर करवाए गए। डीआईटीएस ऑपरेटर दीपांशु से 2.75 लाख रुपये फोन पे करवाए गए। इनमें से अनूप सिंह और दीपांशु के ट्रांजेक्शन लगातार कई महीनों तक चलते रहे और एक-एक बार में 50 हजार और 1 लाख तक की रकम ट्रांसफर की गई। जांच में पता चला है कि आरोपी शशांक ने अपने निजी संपर्कों से भी कई बार मोटी रकम प्राप्त की। आशीष धीमान से 4.30 लाख रुपये, आशीष के छोटे भाई मोहित धीमान से 50 हजार रुपये, विनय से 55 हजार रुपये ट्रासफर करवाएं।