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सामाजिक बहिष्कार पीड़ितों के समर्थन में दलित संगठनों ने किया रोष-प्रदर्शन

हिसार, 14 जुलाई (हप्र) भाटला सामाजिक बहिष्कार के पीड़ितों को गांव से पलायन करने के लिए मजबूर करने के आरोप में रोष स्वरूप दलित संगठनों ने सोमवार को हिसार में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अधिवक्ता रजत कल्सन...
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हिसार, 14 जुलाई (हप्र)

भाटला सामाजिक बहिष्कार के पीड़ितों को गांव से पलायन करने के लिए मजबूर करने के आरोप में रोष स्वरूप दलित संगठनों ने सोमवार को हिसार में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि अधिवक्ता रजत कल्सन के घर पर हांसी पुलिस द्वारा रेड की गई, उनके परिजनों को धमकी दी गई और सरकार द्वारा उनके दोनों फेसबुक अकाउंट बंद कर भी कर दिए गए। इसके बाद लघु सचिवालय तक प्रदर्शन कर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम एक ज्ञापन डीसी को सौंपा, जिसे लेने के लिए पंचायती राज विभाग के एसडीओ मौके पर आए। साथ ही चेतावनी दी कि अगर ज्ञापन में मांगी गई मांगों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री निवास कुरुक्षेत्र पर प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन में दिल्ली के पूर्व मंत्री संदीप बाल्मीकि, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सोनू कुंडली, सीनियर अधिवक्ता रिखीराम, भीम आर्मी के पूर्व अध्यक्ष रोहित गरवा, करनैल सिंह ओढ़ां व सुनीता गोलपुरियां ने संबोधित किया।

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रोष प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अधिवक्ता रजत कल्सन ने बताया की भाटला सामाजिक बहिष्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच टीम के सामने भाटला के पीडि़त मीर सिंह को हांसी रेस्ट हाउस में भाटला सामाजिक बहिष्कार के आरोपियों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई तथा जांच टीम द्वारा खुद आरोपियों को हांसी थाना शहर की पुलिस के सुपुर्द किया गया। बावजूद इसके हांसी पुलिस ने दोनों आरोपियों को ग्रामीणों के दबाव में छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि वे जब खुद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच टीम के सामने 5 जून को केस से संबंधित दस्तावेज सौंपने के लिए जा रहे थे, तब भाटला सामाजिक बहिष्कार के आरोपियों ने उन्हें भी जिंदा जलाने की धमकी दी, जिसमें शिकायत देने के बावजूद आज तक पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की है । कलसन ने कहा कि उनके घर पर पुलिस की 6 गाड़ियों में हांसी पुलिस के 40 से अधिक पुलिसकर्मियों ने एक झूठे मुकदमे में उन्हें गिरफ्तार करने के लिए रेड की और उनकी पत्नी व बच्चों को हवालात में डालने की धमकी दी। यही नहीं सामाजिक बहिष्कार से संबंधित तथ्यों को फेसबुक पर पोस्ट करने के चलते हरियाणा सरकार ने उनकी दोनों फेसबुक अकाउंट भी बैन करवा दिए।

कल्सन ने कहा कि भाटला सामाजिक बहिष्कार के पीडि़तों पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका को वापस लेने का दबाव बनाया गया तथा ऐसा न करने की सूरत में गांव में दहशत की स्थिति बनाई गई, जिसके चलते गांव के करीबन एक दर्जन परिवारों ने गांव से पलायन कर दिया, उस मामले में भी हांसी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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