Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

साइबर ठगों ने ई-चालान भुगतान को बनाया हथियार!

पुलिस ने एडवाईजरी की जारी
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement
रोहतक, 15 मई (निस)

पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र बिजारणिया ने बताया है कि साइबर ठग अब ई-चालान भुगतान के बढ़ते ट्रेंड को हथियार बनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। फोन पर ई-चालान का संदेश आने पर जल्दबाजी कर भुगतान न करें। संदेश की जांच करें वरना जल्दबाजी के चक्कर मे बैंक खाता खाली भी हो सकता है। साइबर ठगी से बचाव बारे पुलिस प्रशासन द्वारा विशेष एडवाईजरी जारी की गई है। पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र बिजारणिया ने कहा कि साइबर ठग इस तरीके से हूबहू नकली संदेश तैयार करते हैं जहां साइबर ठग भुगतान करने के लिये संदेश में नीचे एक फर्जी लिंक भेजते हैं और कहा जाता है कि आप इस लिंक पर क्लिक कर चालान भर सकते हैं। उन्होंने कहा कि साइबर ठग की तरफ से आने वाले लिंक पर क्लिक कर भुगतान की कोशिश में धोखाधड़ी हो रही है। जैसे ही कोई भी वाहन मालिक चालान भरने के लिये लिंक पर क्लिक कर बैंक अकाउंट डिटेल या डेबिड क्रेडिट कार्ड की जानकारी डालता है, वैसे ही हैकर्स सबसे पहले उसके फोन को हैक करते हैं। थोडी देर तक फोन को अपने कंट्रोल में रखकर बैंक खाता या डेबिट क्रेडिट का पूरा बैलेंस साफ कर देते हैं। उन्होंने बताया कि ई-चालान के असली मैसेज में आपके वाहन के इंजन नंबर, चेसिस नम्बर सहित अन्य जानकारी शामिल होती है जबकि फर्जी मैसेज में यह जानकारी नहीं होती।

Advertisement

कभी भी ई-चालान का मैसेज किसी भी मोबाइल नम्बर से नहीं आता

उन्होंने बताया कि कभी भी ई-चालान का मैसेज किसी भी मोबाइल नम्बर से नहीं आता है। जिस लिंक को खोलकर चालान का भुगतान कर रहे हैं, उस वेबसाइट का लिंक एचटीटीपीएस से शुरू होकर जीओवी डॉट इन डॉट से खत्म होना चहिए। वही ई-चालान का मैसेज आने पर एमपीएआरआईवीएएचएएन की साइट पर जाकर भी जांच कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस ठगी के जाल से बचने के लिये मैसेज मे आने वाले मात्र एक शब्द को देखना है। हमेशा वाहन का चालान कटने मे लिंक में सरकारी साइट का एड्रेस आता है। अब ठग चालाकी के साथ मैसेज के लिंक में मामूली-सा अंतर कर देते हैं, जिसे थोड़ी-सी सतर्कता से पहचाना जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम से बचाव बारे जागरूक करता बहुत जरूरी और अगर कोई किसी भी प्रकार की ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाता है तो तुरंत नेशनल साइबर कंप्लेंट पोर्टल नंबर 1930 पर कॉल कर अपनी आनलाइन शिकायत दर्ज करवाए।

Advertisement
×