भिवानी मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद पर संकट, किसानों व आढ़तियों की बढ़ी चिंता
नई अनाज मंडी में डेढ़ लाख कट्टों में 80 हजार क्विंटल बाजरा हो चुका जमा : बंसल
अनाज मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद को लेकर संकट गहराता जा रहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू न होने से किसान और आढ़ती दोनों परेशान हैं। नई अनाज मंडी प्रधान भुरू बंसल की अध्यक्षता में शनिवार को आढ़तियों की बैठक हुई, जिसमें सरकार की नीतियों पर नाराजगी जताई गई।
आढ़तियों ने चेतावनी दी कि यदि 29 सितंबर तक खरीद शुरू नहीं की गई तो मंडी में किसानों का अनाज उतरवाना बंद कर दिया जाएगा।बंसल ने बताया कि पिछले 20 दिनों से मंडी में बाजरे की भारी आवक हो रही है। अब तक करीब डेढ़ लाख कट्टों में लगभग 80 हजार क्विंटल बाजरा जमा हो चुका है, लेकिन सरकारी खरीद न होने से यह अनाज खराब होने की कगार पर पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों को अगली फसल की बुवाई के लिए खाद, बीज और अन्य कृषि खर्चों हेतु पैसों की तुरंत जरूरत है। मंडी प्रधान का कहना है कि सरकार न तो बाजरे की खरीद कर रही है और न ही इस बारे में कोई स्पष्ट घोषणा कर रही है। इससे मंडी का कामकाज लगभग ठप हो गया है और आढ़ती भी संकट में हैं।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार खरीद नहीं करना चाहती तो साफ-साफ ऐलान करे, ताकि किसान और आढ़ती आगे की रणनीति बना सकें। बंसल ने दो टूक कहा कि यदि सरकार 29 सितंबर तक खरीद शुरू नहीं करती तो आढ़ती किसानों का बाजरा मंडी में उतरवाना बंद कर देंगे। इसके बाद आंदोलन को और बड़ा करने पर भी विचार किया जाएगा।