किशोरावस्था में हार्मोनल बदलाव की सही जानकारी बेहद जरूरी : अनिल मलिक
उन्होंने इस अवसर पर राज्य के 190वें और जींद जिले के 75वें बाल सलाह, परामर्श व कल्याण केन्द्र का शुभारंभ किया। सेमिनार का विषय ‘हार्मोनल परिवर्तन, भावनात्मक और सामाजिक सशक्तिकरण को समझना—एक समग्र दृष्टिकोण’ रहा। इसमें बड़ी संख्या में किशोरियों और अध्यापकों ने भाग लिया।
अनिल मलिक ने कहा कि हार्मोन्स शरीर के रासायनिक संदेशवाहक हैं, जो विकास, मूड और व्यवहार को नियंत्रित करते हैं। किशोरावस्था में इनके कारण शरीर और मन में कई परिवर्तन आते हैं, जो पूरी तरह सामान्य प्रक्रिया है। इस समय खुला संवाद, सही मार्गदर्शन, संतुलित आहार, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि हार्मोनल बदलाव व्यक्ति के मूड, तनाव और सामाजिक व्यवहार को प्रभावित करते हैं। यदि समय पर इनकी समझ न हो तो यह आत्मविश्वास में कमी और भावनात्मक अस्थिरता का कारण बन सकते हैं। उन्होंने किशोरों से आत्मविश्लेषण, अपनी क्षमताओं व रुचियों की पहचान करने और जीवन के स्पष्ट लक्ष्य तय करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सफलता छोटे-छोटे सकारात्मक कदमों से मिलती है, इसलिए धैर्य और प्रेरणा बनाए रखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य संजीव कुमार ने की। इस मौके पर राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य नीरज कुमार, अमरजीत कौर, मुकेश कुमारी, राजवंती, कुलदीप, पुष्पेन्द्र रेढू, मोहित सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।
