हरियाणा बीज संशोधन विधेयक 2025 पर बढ़ी रार
सोनीपत, 3 अप्रैल (हप्र) सरकार द्वारा लाया गया हरियाणा बीज संशोधन विधेयक-2025 को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हरियाणा के बीज उत्पादकों ने बृहस्पतिवार से डीलरों को बीज की सप्लाई बंद कर दी है।...
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सोनीपत, 3 अप्रैल (हप्र)
सरकार द्वारा लाया गया हरियाणा बीज संशोधन विधेयक-2025 को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हरियाणा के बीज उत्पादकों ने बृहस्पतिवार से डीलरों को बीज की सप्लाई बंद कर दी है। जिसकी वजह से सोनीपत जिले के बीज लाइसेंसधारी दुकानदारों के साथ-साथ किसानों की परेशानी बढ़ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार पखवाड़ेभर में ज्वार, कपास और धान के बीज की डिमांड शुरू हो जाएगी, लेकिन अगर बीज उपलब्ध नहीं हो पाया तो एक तरफ जहां दुकानदारों का व्यापार प्रभावित होगा, वहीं किसानों को भी बीज के लिए भटकना पड़ सकता है। बता दें कि नकली और मिलावटी बीज बेचने वाले लोगों पर सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए बीज विधेयक में संशोधन किया है। जिसके अंतर्गत अगर बीज की गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो न सिर्फ बीज उत्पादक के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा, बल्कि विक्रेता के खिलाफ भी एक्शन होगा।
विधेयक में नये संशोधन के बाद उत्पादक व विक्रेता को बीज की गुणवत्ता खराब मिलने पर 3 माह से 3 वर्ष तक की सजा हो सकती है। वहीं साथ ही 50 हजार से 5 लाख रुपए तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। सरकार के इस कदम के खिलाफ बीज उत्पादकों ने बृहस्पतिवार से हरियाणा में बीज की सप्लाई बंद कर दी है। जिसका व्यापक असर सप्ताह भर में दिखाई देना शुरू हो सकता है।
सोनीपत के विक्रेता विरोध में : सोनीपत में बीज की सप्लाई बंद होने के बाद अब सोनीपत के विक्रेता भी संशोधन विधेयक के विरोध में खड़े होते नजर आ रहे हैं। इस संंबंध में 6 अप्रैल को कुरुक्षेत्र में प्रदेश भर के बीज विक्रेताओं की अहम बैठक आयोजित होगी।
इस बैठक में बीज विक्रेता अनिश्चितकालीन समय के लिए दुकानों को बंद रखकर अपना विरोध दर्ज करवाने का फैसला ले सकते हैं। ऐसे में किसानों की परेशानी का बढ़ना तय है। सोनीपत के बीज विक्रेताओं ने पिछले दिनों बैठक कर इसके विरोध में रोष प्रकट किया था। सोनीपत जिले में 400 बीज लाइसेंसधारी है। मौजूदा समय में दुकानदारों के पास स्टॉक है, लेकिन अगर सप्लाई जारी नही हुई तो इसके व्यापक असर देगा। किसानों को बीज प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
‘सरकार तुरंत प्रभाव से फैसला ले वापस’
बीज विक्रेता दुकानदारों का कहना है कि सरकार द्वारा जो विधेयक लाया गया है, वह ठीक नहीं है। बीज विक्रेता के पास सीलबंद बीज पहुंचता है। उसी पैकेट को किसान को बेच दिया जाता है। इसमें अगर बीज की गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो इसमें विक्रेता की गलती कहां से हो गई। बीज विक्रेता सरकार के इस कदम का विरोध करते हैं। सरकार को तुरंत प्रभाव से अपना फैसला वापिस लेना चाहिए।
"सरकार व कृषि विभाग द्वारा अधिकृत कंपनियों से ही डीलर बीज व कीटनाशक खरीदता है। कंपनियों से पैक बीज व कीटनाशक को ज्यों का त्यों आगे बेचा जाता है। नये बीज विधेयक में डीलर व दुकानदार को घसीटा जा रहा है। सरकार से आग्रह है कि नये विधेयक पर पुनर्विचार करें।"
-संजय सिंगला, प्रधान फर्टिलाइजर, सीड्स व पेस्टीसाइड एसोसिएशन
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