समाज से नशा समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी : सीजेएम
नशा मुक्ति केंद्र, बाल सेवा आश्रम एवं पुनर्वास केंद्र का किया औचक निरीक्षण
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) सह सचिव पवन कुमार ने शुक्रवार को जिले के नशा मुक्ति केंद्र, बाल सेवा आश्रम एवं पुनर्वास केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मरीजों और बच्चों से संवाद कर उनके रहन-सहन, उपचार, परामर्श सेवाओं और पुनर्वास सुविधाओं का जायजा लिया।
सीजेएम पवन कुमार ने कहा कि नशा केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे परिवार और समाज की समस्या है। उन्होंने नशा मुक्ति केंद्रों को समाज के लिए एक अहम कड़ी बताते हुए कहा कि यह केंद्र नशे की गिरफ्त में आए लोगों को जीवन में नई दिशा और दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने चिकित्सकों और कर्मचारियों से उपचार प्रक्रिया की जानकारी ली और निर्देश दिए कि मरीजों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं, संतुलित आहार और मानसिक परामर्श नियमित रूप से मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति केवल दवाओं से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए मानसिक मजबूती, काउंसलिंग और परिवार का सहयोग सबसे महत्वपूर्ण है।
कई मरीजों ने सीजेएम से अपनी जीवन की समस्याएं साझा कीं। एक मरीज ने भावुक होकर कहा कि यदि यह केंद्र, डॉक्टर और काउंसलर न होते तो वह कभी सामान्य जीवन में वापस न लौट पाता। उन्होंने पुनर्वास केंद्र का भी निरीक्षण किया और कहा कि इलाज के साथ-साथ मरीजों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए योजनाबद्ध प्रयास जरूरी हैं।
बाल सेवा आश्रम में उन्होंने बच्चों की शिक्षा, खेलकूद और दैनिक गतिविधियों की जानकारी ली और यह सुनिश्चित किया कि बच्चों को सुरक्षित एवं सकारात्मक माहौल मिले। निरीक्षण उपरांत सीजेएम ने समाज से अपील की कि नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए सभी वर्गों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से नशे से दूर रहने और दूसरों को जागरूक करने का आह्वान किया।