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6 को किया जा चुका चार्जशीट, फिर भी नतीजा जीरो

4 करोड़ के गेहूं घोटाले का सच आखिर कब आएगा सामने

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सफीदों में साल 2022 में दैनिक ट्रिब्यून ने मामले को किया था उजागररामकुमार तुसीर

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सफीदों, 17 जून

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सफीदों के 4 वर्ष पुराने हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन के करीब चार करोड़ रुपए के गेहूं घोटाले में 6 कर्मचारियों को एक साल पहले चार्जसीट किया जा चुका है, हालांकि इसके बाद से यह फाइल निगम के मुख्यालय की किसी दराज में बंद हो चुकी है। निगम की एक जांच कमेटी ने हजारों क्विंटल सड़े गेहूं बारे रिपोर्ट करते हुए कहा था कि कवर्ड गोदाम में इतने कम समय में गेहूं इस कदर खराब होना असंभव है। लगता है बाहर से खराब गेहूं लाकर गोदाम में भरा गया है। इस मामले के संलिप्तों को बचाने के आला अधिकारियों के प्रयास अब जगजाहिर हो चुके हैं।

जिला प्रबंधक रोहताश सिंह की शिकायत पर करीब 48 लाख रुपए कीमत के 3601 कट्टे गेहूं चोरी का मामला कार्पोरेशन द्वारा अनुबंधित एपी सिक्योरिटीज के खिलाफ नवंबर 2022 में दर्ज कराया गया था। सफीदों सदर थाना में दर्ज इस मामले की प्राथमिकी में चोरीशुदा गेहूं की कीमत केवल डेढ़ लाख रुपये दिखाई गई है। स्थिति यह है कि आज भी मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं। जांच अधिकारी उप निरीक्षक दीपक कुमार कहते हैं कि इस मामले से जुड़ा एक कर्मचारी हाईकोर्ट से जुलाई माह तक अग्रिम जमानत पर है। उसे तफ्तीश में शामिल किया गया लेकिन कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे हैं।

उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में इस पेशी पर उसकी अग्रिम जमानत रद्द कराने का प्रयास करेंगे। उधर, आरोपी सिक्योरिटीज कम्पनी के फील्ड अफसर राकेश कुमार का कहना था कि बहुत पहले जब उनकी कम्पनी को कार्पोरेशन से 695 व 925 कट्टे कम होने का नोटिस मिला तभी वह सफ़ीदों थाना में जांच को खुद गए लेकिन थाना प्रभारी ने यह कहकर उन्हें वापस भेज दिया कि ताले टूटे नहीं तो मामला पुलिस का नहीं विभागीय बनता है।

यह है मामला

बता दें कि रबी 2021 के गेहूं सीजन में सफीदों में रत्ताखेड़ा मोड़ पर स्थित गोदाम में गेहूं के करीब 2.40 लाख कट्टे मंडी से एमएसपी पर खरीद कर केंद्रीय पूल के लिए रखे गए थे। केंद्रीय पूल का खाद्यान्न एफसीआई की मांग पर देश में कहीं भी सेना, जनवितरण प्रणाली आदि के लिए सप्लाई होता है। 31 मार्च 2022 को इसके प्रबंधक सुमित कुमार का तबादला हो जाने के बाद 2 अप्रैल को नए प्रबंधक जगदीश चंद्र ने इस गोदाम के गेहूं की हालत को देखकर इसका चार्ज लेने से मना कर दिया था।

उधर सुमित कुमार इसका चार्ज गोदाम कीपर मंजू को सौंपने की औपचारिकता निभा कर निकल गए थे। नए प्रबंधक ने कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक एवं मुख्यालय तक लिख दिया था कि वह ऐसे गेहूं का चार्ज नहीं लेंगे। इस पर संयुक्त टीमों से गेहूं की फिजिकल वेरिफिकेशन कराई गई जिसमें 22235 क्विंटल गेहूं अत्यंत खराब हालत में पाया गया। बता दें कि दैनिक ट्रिब्यून ने 13 मई 2022 को इस मामले से पर्दा हटाया था, जिसके बाद तीन बार गेहूं की जांच हुई, चोरी की एफआईआर हुई और 6 लोगों को चार्जशीट किया गया।

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