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Haryana News : एतराज और औपचारिकताओं में लटके वन विभाग को जमीन देने के केस

सफीदों-जींद स्टेट हाईवे को तीन मीटर चौड़ा करने की परियोजना नहीं चढ़ पा रही सिरे, कई फाइलें लटकीं
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प्रतीकात्मक चित्र
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रामकुमार तुसीर/निस

सफीदों, 15 फरवरी

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सफीदों-जींद स्टेट हाईवे पर निरंतर बढ़ रहे वाहनों के दबाव व दुर्घटनाओं की आशंकाओं को देखते हुए सरकार ने इस स्टेट हाईवे को 3 मीटर चौड़ा करने की परियोजना तो मंजूर की लेकिन कई तरह की औपचारिकताओं व एतराजों के चक्कर में इस पर काम शुरू नहीं हो सका है।

हालांकि, वरिष्ठ अधिकारी व सत्ताधारी नेता इस पर शीघ्र काम शुरू होने के बार-बार दावे कर रहे हैं। ऐसे बयानों में यह बताया जा रहा है कि इस सड़क को चौड़ा करने से वन विभाग के पेड़ों का जो कटान होगा उसकी भरपाई के तौर पर हरियाणा सरकार ने वन विभाग को जींद जिला के तीन गांव बधाना, शामलो कलां व खरल में वनीकरण के लिए जमीन उपलब्ध करा दी है। जमीनी हकीकत यह है कि शामलात जमीन की तब्दीली मिलकियत की विधिवत स्वीकृति के लिए सक्षम पंचायत निदेशालय में ही फ़ाइल लटकी हैं। ये जमीनें लोकनिर्माण विभाग की तरफ से कलेक्टर रेट पर वन विभाग को दी जानी हैं। बता दें कि इन गांवों की शामलात जमीन वन विभाग के नाम वनीकरण के लिए तब्दील करने की प्रक्रिया अभी लंबित है और यह मामूली औपचारिकताओं के साथ लटकी हुई है। उझाना खंड के गांव खरल की 4 एकड़ जमीन वन विभाग को दी जानी है। गांव की पंचायत ने डेढ़ माह पूर्व प्रस्ताव पारित किया था। पंचायत महानिदेशक कार्यालय से 17 जनवरी को कई एतराज इस पर लगाए गए। उपायुक्त ने 23 जनवरी को ही खंड अधिकारी को चिट्ठी लिख दी लेकिन नीचे प्रोग्रेस आज तक नहीं। सरपंच कैलाश ने बताया कि जमीन का विस्तृत अक्श शजरा, जिला परिषद का प्रस्ताव, ग्राम पंचायत का बहुमत का प्रस्ताव, जमीन के लिए विभागीय मांग-पत्र मांगा गया है और कहा गया है कि बताएं जमीन कलेक्टर रेट पर दी जानी है या बाजार कीमत पर।

पटवारी ने नहीं उपलब्ध करवाया जमीन का शजरा

जुलाना खंड के शामलो कलां गांव की 15 एकड़ जमीन वन विभाग को देने के केस के बारे में जुलाना के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी प्रतीक का कहना है कि केस निदेशालय भेज दिया गया था लेकिन इस पर एतराज लगा दिया गया। इस एतराज में निदेशालय ने संबंधित शामलात जमीन का ‘विस्तृत एक्स शजरा’ मांगा है। उन्होने बताया कि सरपंच ने सप्ताह भर पहले राजस्व पटवारी को यह शजरा उपलब्ध कराने को कहा था लेकिन पटवारी ने अभी तक नहीं दिया है।

2019 में हुई थी फोरलेन बनाने की घोषणा

बता दें कि सफीदों-जींद स्टेट हाईवे को फोरलेन बनवाने की घोषणा सोनीपत के निवर्तमान भाजपा सांसद रमेश कौशिक ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से भी कुछ दिन पहले की थी। वह चुनाव जीतने के बाद भी कौशिक ने दो बार जनसभाओं में इसकी फोरलेनिंग पर शीघ्र काम शुरू होने की घोषणा से वाहवाही लूटी। जबकि इसकी फोरलेनिंग का प्रस्ताव तक नहीं था।

पंचायत निदेशालय ने लगाए दो एतराज अधिकारी पत्र को लेकर स्पष्ट नहीं

अलेवा खंड के बधाना गांव की 22 एकड़ 6 मरले जमीन वन विभाग को देने के केस में अलेवा के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अक्षयदीप ने बताया कि केस पंचायत निदेशालय में गया हुआ है जहां से इस केस पर दो एतराज लगे हुए हैं। पहले एतराज में इसके लिए निदेशालय ने संबंधित पंचायत समिति का प्रस्ताव मांगा है और दूसरे एतराज में वह विभागीय पत्र भेजने की बात कही गई है जिसके तहत यह जमीन वन विभाग को दी जानी है। अक्षयदीप अभी तक इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं है कि वह कौन सा पत्र है जो निदेशालय को भेजा जाना है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त का जो पत्र उनके पास आया था वही भेजकर देखते हैं। उन्होंने बताया कि इस गांव में बागवानी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भी जमीन देने का प्रस्ताव बहुत पहले से पारित किया हुआ है और वह मामला भी लंबे समय से निदेशालय में लटका है। उन्होंने बताया कि वन विभाग को जमीन देने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत बधाना द्वारा करीब डेढ़ महीना पहले पारित कराया गया था।

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