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भाजपा सरकार दे एचटेट परीक्षा पर स्पष्टीकरण : दिग्विजय चौटाला

कहा- उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो
जजपा नेता दिग्विजय चौटाला
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जजपा के युवा प्रदेशाध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा ली गई एचटेट परीक्षा में धांधली का आराेप लगाते हुए जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि बोर्ड अधिकारियों ने रातों रात रिजल्ट बदला है। पहले का रिजल्ट जो तत्कालीन सचिव ने तैयार किया था और चेयरमैन को 31 अगस्त को ही जारी करने के लिए दे दिया था, उसे आखिर क्यों जारी नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और कुछ समाचार पत्रों में भी दोबारा रिजल्ट तैयार करने और 1284 नए कैंडिडेट पास किए जाने की खबरें हैं। ये कैंडिडेट कौन हैं तथा कैसे इनको बाद के रिजल्ट में जोड़ा गया इसकी जांच होनी चाहिए। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि रिजल्ट के बारे में मीडिया तक को जानकारी नहीं दी गई। रिजल्ट जारी होने के 90 दिन तक ओएमआर सीट निकलवाने का प्रावधान है, लेकिन 10 दिन का समय दिया। ऐसा क्यों हुआ इसकी भी जांच की जानी चाहिए। वे बृहस्पतिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी ऑडिट का बहाना बनाकर नया रिजल्ट तैयार करवाया गया। अगर पहले तैयार रिजल्ट में खामी थी तो उस पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। नया रिजल्ट किस फर्म से तैयार करवाया गया ये भी जांच का विषय है। दिग्विजय ने कहा कि कुछ सवाल हैं जो ये दर्शा रहे हैं कि इस बार के एचटेट में इस बार का सबसे बड़ा गोलमाल हुआ है। उन्होंने बताया कि पहले से तैयार परिणाम को आखिर संशोधित करने की नौबत क्यों आई, जबकि परिणाम पूरी तरह कैमरों की जद में और अलग-अलग फर्मों के द्वारा अपने गई प्रक्रिया से तैयार किया गया।

दिग्विजय चौटाला ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड चेयरमैन और सचिव की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मौजूदा चेयरमैन पर तो ओपीजेएस नामक यूनिवर्सिटी में धांधली करने के आरोप लगे थे जिसका शिकायत पत्र पीएम, सीएम और अन्य अधिकारियों को भेजा गया पर कार्रवाई करने की बजाय चेयरमैन को खुली छूट दी गई है, जिस कारण गड़बड़ी हुई है। मामले में चेयरमैन और सचिव की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए और सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक महीने में तैयार परिणाम को जारी किए जाने की बजाय इसे फिर से 3 महीने से भी ज्यादा समय में जारी किए जाने के पीछे अधिकारियों की मंशा क्या थी, ये साफ जाहिर हो रहा है।

 

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