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गाली बंद घर अभियान पर डॉक्युमेंट्री बनाएंगे बंगाली फिल्मों के निदेशक पावेल

जींद के बीबीपुर गांव से शुरू हुआ है अभियान
बीबीपुर के पूर्व सरपंच सुनील जागलान।
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जींद, 15 मई (हप्र)

जींद के बीबीपुर गांव के पूर्व सरपंच सुनील जागलान द्वारा चलाए गए गाली बंद घर अभियान पर अब डॉक्युमेंट्री बनेगी। इस अभियान को देश भर में जोर-शोर से चलाया गया है। करीब 10 साल से सुनील जागलान इस अभियान को भारत के हर एक हिस्से में चला रहे हैं। अब बंगाली सिनेमा के युवा निदेशक पावेल ने गाली बंद घर विषय पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने का निर्णय लिया है।

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लेखक पावेल ने बताया कि इस अभियान ने उन्हें बहुत प्रभावित किया है। उन्होंने अपने बनाई गई फिल्मों में भी हमेशा स्पष्ट और सरल भाषा का प्रयोग करने की कोशिश की है, लेकिन गाली बंद घर अभियान ने उनकी आत्मीयता को छू लिया है, जिसकी वजह से वह बंगाल से हरियाणा आए हैं।

सुनील जलन की 10 साल की मेहनत पर रहेगा फोकस

निदेशक पावेल ने बताया कि इसमें मुख्य चरित्र के रूप में सुनील जागलान को ही दिखाया जाएगा कि किस तरह उन्होंने पिछले 10 वर्षों में गाली बंद घर अभियान तथा गाली बंद घर चार्ट के माध्यम से लाखों लोगों की जिंदगी में बड़ा परिवर्तन लाने की कोशिश की है। पावेल ने बताया कि अगर आजादी से पहले की बात करें, तो महात्मा गांधी ने जिस तरीके से अहिंसा का पाठ दुनिया को पढ़ाया, गाली ना देना भी उसके बराबर की ही बात है।

इस अभियान की चर्चा विदेशों में भी काफी रही है। अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, इटली, जापान में भी इस अभियान पर अनेकों लेख प्रकाशित हुए हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा एक पत्रकार को मां की गाली देने पर वहां की सुप्रसिद्ध मैगज़ीन कॉस्मोपॉलिटन ने जो बाइडेन को सुनील जागलान से सीखने की हिदायत तक दे डाली थी।

दुनिया के हर हिस्से तक ले जाना चाहते हैं अभियान : जागलान

सुनील जागलान ने बताया कि वह इस अभियान को दुनिया के हर हिस्से में लेकर जाना चाहते हैं, क्योंकि भाषा चाहे कोई भी हो, लेकिन महिला को लेकर गंदी भाषा का प्रयोग विश्व भर के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। भारत में वस्तुतः मां, बहन, बेटी की गाली देना आम हो गया था।

पिछले दिनों उन्होंने करीब 1 हजार से ज्यादा वर्कशॉप की हैं। 3 हजार से ज्यादा गांवों की यात्रा की हैं। लाखों लोगों तक इस बात को पहुंचाया है। बड़ी संख्या में लोगों ने इसकी पालना करते हुए गाली को छोड़ने का निर्णय लिया है। अब जिस तरह बंगाली सिनेमा के सेलिब्रिटी निदेशक प्रोड्यूसर पावेल ने गाली बंद घर जैसे विषय को डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने के लिए चुना है, उससे उन्हें काफी खुशी हुई है।

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