एमआईई में बनेगा बहादुरगढ़ का पहला डॉग शेल्टर होम, 82 लाख की आएगी लागत
शेल्टर होम बनने से न केवल आवारा कुत्तों की बेहतर देखभाल संभव होगी, बल्कि आम नागरिकों, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकेगी। नगर परिषद चेयरपर्सन सरोज राठी ने बताया कि प्रस्तावित डॉग शेल्टर होम पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
यहां आवारा कुत्तों की नसबंदी, उपचार, रेबीज फ्री टीकाकरण और आक्रामक कुत्तों को रखने के लिए अलग-अलग सुरक्षित बाड़े बनाए जाएंगे। शेल्टर में होने वाली सभी गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी। चेयरपर्सन ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप नगर परिषद का मुख्य ध्यान आवारा कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण और जन सुरक्षा को मजबूत बनाना है।
इसी क्रम में शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने, नसबंदी कराने, रेबीज फ्री टीकाकरण और पुनः उसी स्थान पर छोड़ने की प्रक्रिया के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में डॉग बाइट की घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है, जिससे लोग, विशेषकर बच्चे और बुजुर्ग, भय में जी रहे हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी आवारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण और रेबीज मुक्त अभियान को लेकर कड़े निर्देश जारी किए थे। नगर परिषद ने कोर्ट के आदेशों पर अमल करते हुए 3,000 आवारा कुत्तों की नसबंदी कराने का निर्णय लिया है, जिसके लिए करीब 36 लाख रुपये का वर्क ऑर्डर जारी किया जा चुका है।
