बहादुरगढ़ की घटना : नहर में डूब रही भांजियों को बचाने के लिए मामा ने लगाई छलांग, मौत
गांव रोहद और मांडौठी के बीच से गुजर रही एनसीआर नहर में 2 भांजियां और मामा डूब गए। इसमें मामा की मौत हो गई। मामा के शव को गोताखोरों ने ढूंढ़ निकाला है। जबकि भांजियों के शव 24 घंटे...
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गांव रोहद और मांडौठी के बीच से गुजर रही एनसीआर नहर में 2 भांजियां और मामा डूब गए। इसमें मामा की मौत हो गई। मामा के शव को गोताखोरों ने ढूंढ़ निकाला है। जबकि भांजियों के शव 24 घंटे बाद भी नहीं मिल पाए हैं। गोताखोर उनकी तलाश में जुटे हुए हैं। घटना शुक्रवार की शाम को हुई। नहर में मिले शव का पोस्टमार्टम नागरिक अस्पताल में करवाकर परिजनों को सौंपा गया है।
दरअसल, रोहद गांव में किराए के मकान में रहने वाला सुनील (28) अपनी भांजियों रागिनी और उर्मी के साथ शुक्रवार की शाम एनसीआर नहर पर कपड़े धोने के लिए गया था। कपड़े धोते वक्त उसकी भांजियों का पैर फिसल गया और वे नहर में गिर गई। भांजियों को बचाते हुए मामा सुनील भी नहर में कूद पड़ा और वह भी डूब गया। शुक्रवार शाम से लेकर सुबह तक नहर में तीनों के शवों की तलाश की गई। सुबह गोताखोरों की टीम पहुंची और कुछ दूरी पर ही मामा सुनील का शव बरामद कर लिया गया। पुलिस और गोताखोरों की टीम लगातार सर्च अभियान चलाए हुए हैं। ग्रामीण भी मौके पर सर्च अभियान में सहयोग कर रहे हैं। मृतक सुनील बिहार के समस्तीपुर जिले के गांव मंझोली का रहने वाला था। डूबने वाली दोनों भांजिया रोहद गांव में अपनी मां के साथ ही रहती हैं।
सर्च अभियान में जुटे गोताखोर हैड कांस्टेबल नरेंद्र ने बताया कि बच्चियों की तलाश शनिवार देर शाम तक जारी रही। ग्रामीण कृष्ण ने बताया कि नहर पर कपड़े धोते हुए पैर फिसलने से ये हादसा हुआ है। मृतक सुनील रोहद की प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करता था। शुक्रवार को उसकी छुट्टी थी। इसलिए शाम के वक्त वह अपनी बहन की बेटियों को साथ लेकर नहर पर कपड़े धोने आया था और हादसे का शिकार हो गया। नहर किनारे तीनों की चप्पल और कपड़े भी पड़े हुए मिले है। 7 साल की रागिनी और 10 साल की उर्मी के शव की तलाश जारी है। बता दें कि एनसीआर नहर में नहाने उतरे लोग भी हादसे का शिकार हो चुके हैं जिसके कारण प्रशासन समय समय पर नहर में कपड़े धोने और नहाने पर प्रतिबंध लगाता है और चेतावनी भी जारी करता रहा है, बावजूद इसके लोग गहरी नहरों में भी नहाने और कपड़े धोने से बाज नही आ रहे जिसके कारण आज भी हादसे लगातार हो रहे हैं।
रोहद-मांडोठी गांव के पास से गुजर रही एनसीआर माइनर में शुक्रवार शाम मामा और दो भांजियों के डूबने की सूचना मिली थी। सूचना पर पुलिस और गोताखोर पहुंचे। शनिवार की दोपहर सुनील के शव को बाहर निकाला गया। जबकि देर शाम तक बच्चियों के शवों को ढूंढने का काम जारी रहा। अभी उनके शव नहीं मिले हैं।
-मयंक मिश्रा, डीसीपी बहादुरगढ़
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